अनुसन्धान अभिक्षमता research apptitude


अनुसन्धान अभिक्षमता 

प्रदत्तों का विश्लेषण +किसी समस्या का विश्वसनीय समाधान 
नवीन तथ्यों की खोज +नविन सत्यो का प्रतिपादन 
प्राचीन प्रत्ययों तथ्यों +नवीन अर्थापन 

प्रयोगनात्मक शोध कार्य -प्रभाव सहसम्बन्ध 
सर्वेक्षण शोध -सामान्य सहसम्बन्ध 
विकासात्मक शोध -चारो की प्रभावशीलता का अध्ययन 
ऐतिहासिक शोध -नविन तथ्यों की खोज 

मेकग्रेथ तथा वाटसन के अनुसार -अनुसन्धान एक प्रक्रिया है , जिसमे खोज प्राविधि का प्रयोग किया जाता है जिसके निष्कर्षो की उपयोगिता हो ,ज्ञान वृद्धि की जाये ,प्रगति के लिए प्रोत्साहित करे ,समाज के लिए सहायक हो तथा मनुष्य को अत्यधिक प्रभावशाली बना सके। 
समाज तथा मनुष्य अपनी समस्याओं को प्रभावशाली ढंग से हल कर सके। 

प्रत्यक्षवाद 


अनुसन्धान के प्रकार 


  1. बौद्धिक 
  2. व्यावहारिक 
बौद्धिक कारन का सम्बन्ध मनुष्य की जिज्ञासा की प्रवृति तथा ज्ञानार्जन से प्राप्त संतुष्टि की भावना से है। 

व्यावहारिक कारन का सम्बन्ध मनुष्य की उस इच्छा से है जिसके द्वारा वह ज्ञान प्राप्त करके अन्य कार्यो को अधिक कुशलतापूर्वक कर सके। 

 बौद्धिक अनुसन्धान को मूलभूल अनुसन्धान भी कहा जाता है। 

मुलभुत अनुसन्धान -ऐसे अनुसन्धान जिनके निष्कर्षो द्वारा किसी विशेष वैज्ञानिक नियमो का प्रतिपादन हो ,इस वर्ग में आते है मुलभुत अनुसन्धान का मुख्या उद्देश्य नई प्ररचनाओ का निर्माण करना है। 

व्यवहृत अनुसन्धान -जिनके द्वारा किसी समस्या -विशेष का समाधान  आवश्यक हो। 


अनुसन्धान के सोपान 

  1. समस्या का चयन 
  2. परिकल्पना का प्रतिपादन 
  3. शोध की रूपरेखा 
  4. प्रदत्तों का संकलन 
  5. प्रदत्तों का विश्लेषण 
  6. सामान्यीकरण तथा निष्कर्षो का प्रतिपादन 

अनुसन्धान की विधियाँ 

  1. ऐतिहासिक 
  2. वर्णात्मक 
  3. प्रयोगनात्मक 
  4. मात्रात्मक 
  5. गुणात्मक 
ऐतिसाहिक शोध -ऐतिहासिक समस्याओ का वैज्ञानिक विश्लेषण भूत ,वर्तमान तथा भविष्य का सम्बन्ध स्थापन 
शिक्षा तथा मनोविज्ञान  के लिए वैज्ञानिक आधार
 

ऐतिहासिक अनुसन्धान के पद 

आकंड़ो का संग्रह 
आकड़ो का विश्लेषण 
उपर्युक्त के आधार पर तथ्यों के विश्लेषण एवं रिपोर्ट 

ऐतिहासिक अनुसन्धान का क्षेत्र 
बड़े शिक्षाशास्त्रीय एवं मनोवैज्ञानिक के विचार 
संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कार्य 
विभिन्न कालो में शैक्षिक एवं मनोवैज्ञानिक विचारों के विकास की स्थिति 
एक विशेष प्रकार की विचारधारा का प्रभाव और उसके और उसके स्रोत 
शिक्षा के लिए संवैधानिक व्यवस्था 
पुस्तक सूचि तैयार करना


ऐतिहासिक अनुसन्धान में नियंत्रण सम्बन्धी कठिनाई 


  1. ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करना ,जिसका पता न लगा हो। 
  2. पुराने अनुसन्धान का संशोधन  

वर्णात्मक तथा विवरणात्मक शोध 

इसका सम्बन्ध किसी व्यक्ति से न होकर सम्पूर्ण जनसँख्या से होता है। 

ऐतिहासिक शोध का सम्बन्ध भूतकाल से होता है 
वर्णात्मक का सम्बन्ध वर्तमान से 
प्रयोगनात्मक का सम्बन्ध भविष्य से 

गुणात्मक शोध 

  1. गुणात्मक शोध गहन साक्षात्कार ,दस्तावेजों की समीक्षा करता है 
  2. मुख्यतः आगमन विधि का प्रयोग होता है 
  3. विषयनिष्ठ होता है। 
  4. गुणात्मक या वर्णन आधारित होता है। 
  5. मानवीय व्यवहारों का अध्ययन करता है। 

मात्रात्मक शोध 

  1. मात्रात्मक या परिणात्मक सांख्यिकी सूचनाओं ,सर्वेक्षण ,संरचना साक्षात्कार ,प्रेक्षण रिकॉर्ड्स और रिपोर्ट 
  2. मुख्यतः निगमन  प्रयोग 
  3. वस्तुनिष्ट 
  4. संख्या आधारित 

शोध नैतिकता 

  1. सत्यनिष्ठा 
  2. ईमानदारी 
  3. वैधता 
  4. गैर भेदभाव 
  5. सामाजिक जिम्मेदारी 

प्रत्यक्षवाद 

अगस्त कॉम्ट 
जन्म -1798 
मृत्यु -1857 

तीन स्तरीय नियम 
  1. धार्मिक स्तर 
  2. तात्विक स्तर 
  3. वैज्ञानिक स्तर 
धार्मिक स्तर के तीन भेद 
  1. जीवित सत्तावाद 
  2. बहुदेववाद 
  3. अद्वैतवाद 
प्रत्यक्षवाद की तकनीक 
  1. निरिक्षण 
  2. प्रयोगात्मक 
  3. तुलनात्मक 
  4. ऐतिहासिक 
  5. वर्गीकरण 
यथार्थवादी विचारधारा 
समाजशास्त्रीय शोध 
वैज्ञानिक विधि से सत्य की खोज 
तथ्यवाद 
विज्ञानवाद 

प्रत्यक्षवाद केवल उन घटनाओ की व्याख्या करता है जिसे हम प्रत्यक्ष रूप से अनुभव व् निरिक्षण कर सकते है। 

प्रत्यक्षवाद की प्रवृति 
  1. वस्तुनिष्ठता 
  2. तार्किक विश्लेषण 
  3. कार्य -कारन सम्बन्ध 
  4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण 
  5. यथार्थवादी प्रकृति 
  6. सकारात्मकता 

उत्तर प्रत्यक्षवाद 

तार्किक प्रक्रिया +व्यक्तिगत अनुभव 

जहाँ प्रत्यक्षवाद सिद्धांत की व्याख्या वैज्ञानिक विधि से करता है ,वही उत्तर प्रत्यक्षवाद समस्या का गहन विश्लेषण करके कारणों की खोज व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर करता है। 

प्रत्यक्षवाद अवलोकन ,निरिक्षण पर बल देता है। उत्तर प्रत्यक्षवाद अवलोकन ,निरिक्षण को अस्थिर मानता है। क्योंकि यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। 

उत्तर प्रत्यक्षवाद व्यक्तिवादी है वस्तुनिष्ठ नहीं 

उत्तारप्रत्यक्षवाद ज्ञान को विनिमय की वस्तु नहीं मानता। 

हिंदी साहित्य में किन्नर विमर्श -एक पूर्वपीठिका  साहित्य किसी भी स्थिति की तहों में जाकर समाज का सरोकार उन विमर्शो और मुद्दों से करता है जिस...