अनुसन्धान अभिक्षमता
प्रश्न 1 -अनुसन्धान की दृष्टि से निम्नलिखित में क्या तर्कसंगत नहीं है ?
- शोध विवेचन में पुनरुक्ति अवश्य होनी चाहिए।
- शोध पद्यति स्पष्ट और सुनिश्चित होनी चाहिए।
- शोध प्रबंध में पाद टिप्पणी विधिवत होनी चाहिए।
- शोध कार्य सुनियोजित ,सुव्यवस्थित ,और क्रमबद्ध होनी चाहिए।
- शोधकर्ता मनमाने ढंग से तथ्यों को नियंत्रित करे।
- शोधक तथ्यों का शासन करे।
- शोधक तथ्यों की भावपरक व्याख्या करे।
- तथ्य ही शोधक का अनुशासन करे।
- व्यक्तिगत
- वस्तुगत
- व्यक्ति -निरपेक्ष
- तथ्य परक
- नए तथ्यों की खोज
- व्याख्या-विश्लेषण
- प्रभाव -ग्रहण और उसकी अभिव्यक्ति
- मूल्याङ्कन अथवा निर्णय
- सर्वेक्षण पद्यति और शास्त्रीय पद्यति
- तुलनात्मक और समस्यामूलक पद्यति
- क्षेत्रीय और वर्गीय अध्ययन पद्यति
- व्यव्हार और विचार पद्यति
- विषय की मौलिकता
- मूल और सहायक सामग्री के पर्याप्त भाषा में मिलने की आश्वस्ति
- शोधार्थी की रूचि ,प्रकृति ,पूर्वज्ञान तथा शोध -प्रक्रिया सम्बंधित पूर्व प्रशिक्षण
- उपरोक्त सभी
- शोध विषय समग्र समीक्षात्मक परिक्षण है।
- शोध का लक्ष्य नए तथ्यों की खोज तथा नए तथ्यों की तर्कसंगत विवेचना है।
- स्थापित मान्यताओं ,सिद्धांतो और नियमों की बारीकी से जाँच करके उनमे आवश्यकता अनुसार परिवर्तन संशोधन करना भी शोध का लक्ष्य है।
- उपरोक्त सभी
- अतिशय प्रश्नाकुलता
- असीमितता
- आत्मपरकता
- योजनाबद्धता
- ऐतिहासिक
- विवरणात्मक
- नैदानिक
- विश्लेषणात्मक
- नए त्तथ्यो की खोज
- पुरानी स्थापनाओं का परिमार्जन
- प्रचलित स्थापनाओं पर पुनर्विचार
- आध्यात्मिक उन्नति
- शोध में लेखक द्वारा की जाने वाली कल्पना
- शोध में शोधार्थी द्वारा दिया जानेवाला उद्धरण
- शोध में उपयोग किया जानेवाला एक महत्वपूर्ण छंद
- शोध में सिद्धांत या निष्कर्ष तक पहुँचने का साधन
- अध्यायों की रूपरेखा
- विषय की प्राकल्पना
- चयनित विषय पर पहले से किये गए अध्ययन का संज्ञान
- शोध की प्रकाशन की संभावनाएं
- a और b दोनों गलत
- a सही b गलत
- a और b दोनों सही
- a गलत b सही
- अध्ययन के उद्देश्य एवं कार्यक्षेत्र को परिभाषित करना।
- समग्र एवं प्रतिदर्श पद्यति को परिभाषित करना।
- प्रदत्तों का विश्लेषण ,उनकी व्याख्या तथा परिणाम की जानकारी
- शोध के साधनों का चरण ,चाहे वे गुणात्मक अथवा मात्रात्मक हो।
- परिकल्पना का निर्माण ,परिकल्पना परिक्षण और प्रतिवेदन लेखन
- शोध समस्या का निर्धारण ,परिकल्पना का निर्माण ,परिकल्पना परिक्षण ,सामान्यीकरण एवं निष्कर्ष तथा परिणामों के निहितार्थ
- समस्या की पहचान ,प्रतिदर्श का चयन ,शोध अभिकल्प को विकसित करना और फील्डवर्क
- समस्या को परिभाषित करना ,सम्बंधित अध्ययनों का सर्वेक्षण ,प्रतिदर्श ,प्रतिचयन ,प्रदत्तों का संग्रहण और प्रदत्तों का विश्लेषण
- कार्येत्तर शोध
- वर्णात्मक शोध
- व्यष्टि अध्ययन
- प्रयोगनात्मक
- मौलिक शोध 1 - विशिष्टताओ पर केंद्रित गहन अध्ययन
- व्यवहृत शोध 2 -हस्तक्षेप आधारित सुधारनात्मक पहल
- क्रियात्मक शोध 3 - नयी परिस्थितियों में सत्य सिद्धांत के अनुप्रयोग की संभावनाओं को तलाशना
- व्यक्ति अध्ययन शोध 4 -प्रभाव जानने हेतू प्रभाव अध्ययन
- 5 -सिद्धांत निर्माण के माध्यम से ज्ञानकोष में अभिवृति
- शोध की लागत काम करने के लिए
- आकादमिक अलंकरण हेतु
- शोध के प्रदत्तों की उपलब्धता की गुंजाईश में विस्तार हेतु
- संवादात्मक अंतःक्रिया के संवर्धन हेतु
- तुलना
- अनुमिति
- प्रत्यक्षण
- निहितार्थ
- वस्तुनिष्टता
- कार्य कारण सम्बन्ध
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण
- अनुभव
- निरिक्षण
- तुलनात्मक
- ऐतिहासिक
- भावना
- धार्मिक स्तर
- तात्विक स्तर
- वैज्ञानिक स्तर
- सामूहिक स्तर
- किसी शोध प्रबंध का पूर्णतः अनुकरण करना
- सत्यनिष्ठा
- ईमानदारी
- सामाजिक जिम्मेदारी
- आगमन
- निगमन
- सादृश्यपरक
- निहितार्थ
- भूतकाल
- वर्तमान
- भविष्य
- समयानुसार