अनुसन्धान अभिक्षमता 

ॐ इंस्टिट्यूट आजादपुर दिल्ली 

प्रश्न 1 -अनुसन्धान की दृष्टि से निम्नलिखित में क्या तर्कसंगत नहीं है ?

  1. शोध विवेचन में पुनरुक्ति अवश्य होनी चाहिए। 
  2. शोध पद्यति स्पष्ट और सुनिश्चित होनी चाहिए। 
  3. शोध प्रबंध में पाद टिप्पणी विधिवत होनी चाहिए। 
  4. शोध कार्य सुनियोजित ,सुव्यवस्थित ,और क्रमबद्ध होनी चाहिए।  
प्रश्न 2 -वस्तुपरक शोध पद्यति का मूल सिद्धांत क्या है ?
  1. शोधकर्ता मनमाने ढंग से तथ्यों को नियंत्रित करे। 
  2.  शोधक तथ्यों का शासन करे। 
  3. शोधक तथ्यों की भावपरक व्याख्या करे। 
  4. तथ्य ही शोधक का अनुशासन करे। 
प्रश्न 3 -इनमे कौन- सी शैली अनुसन्धान के लेखन के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती ?
  1. व्यक्तिगत 
  2. वस्तुगत 
  3. व्यक्ति -निरपेक्ष 
  4. तथ्य परक 
प्रश्न 4 -इनमे से कौन -सा कर्तव्य -कर्म अनुसन्धान के लिए आवश्यक नहीं माना जाता है ?
  1. नए तथ्यों की खोज 
  2. व्याख्या-विश्लेषण 
  3. प्रभाव -ग्रहण और उसकी अभिव्यक्ति 
  4. मूल्याङ्कन अथवा निर्णय 
प्रश्न 5 -निम्नलिखित में से कौन -सी शोध पद्यति नहीं है ?
  1. सर्वेक्षण पद्यति और शास्त्रीय पद्यति 
  2. तुलनात्मक और समस्यामूलक पद्यति 
  3. क्षेत्रीय और वर्गीय अध्ययन पद्यति 
  4. व्यव्हार और विचार पद्यति 
प्रश्न 6 -शोध विषय के  चयन में निम्नलिखित अपेक्षाए महत्वपूर्ण होती है ?
  1. विषय की मौलिकता 
  2. मूल और सहायक सामग्री के पर्याप्त भाषा में मिलने की आश्वस्ति 
  3. शोधार्थी की रूचि ,प्रकृति ,पूर्वज्ञान तथा शोध -प्रक्रिया सम्बंधित पूर्व प्रशिक्षण 
  4. उपरोक्त सभी 
प्रश्न 7 -शोध का आशय है ?
  1. शोध विषय  समग्र समीक्षात्मक परिक्षण है। 
  2. शोध का लक्ष्य नए तथ्यों  की खोज तथा नए तथ्यों की तर्कसंगत विवेचना है। 
  3. स्थापित मान्यताओं ,सिद्धांतो और नियमों की बारीकी से जाँच करके उनमे आवश्यकता अनुसार परिवर्तन संशोधन करना भी शोध का लक्ष्य है। 
  4. उपरोक्त सभी 
प्रश्न 8 -शोध में चाक्षुष पद्यति का सर्वप्रथम दोष कौन -सा है ,जिसके कारण अध्ययन का परिणाम वास्तविकतापरक नहीं रह पाता ?
  1. अतिशय प्रश्नाकुलता 
  2. असीमितता 
  3. आत्मपरकता 
  4. योजनाबद्धता 
प्रश्न 9 -निम्नलिखित में से कौन -सी शोध पद्यति साहित्य सम्बन्धी शोध के लिए उपयुक्त नहीं है ?
  1. ऐतिहासिक 
  2. विवरणात्मक 
  3. नैदानिक 
  4. विश्लेषणात्मक 
प्रश्न 10 -शोध का उद्देश्य नहीं है ?
  1. नए त्तथ्यो की खोज 
  2. पुरानी स्थापनाओं का परिमार्जन 
  3. प्रचलित स्थापनाओं पर पुनर्विचार 
  4. आध्यात्मिक उन्नति 
प्रश्न 11 -शोध में परिकल्पना क्या है ?
  1. शोध में लेखक द्वारा की जाने वाली कल्पना 
  2. शोध में शोधार्थी द्वारा दिया जानेवाला उद्धरण 
  3. शोध में उपयोग किया जानेवाला एक महत्वपूर्ण छंद 
  4. शोध में सिद्धांत या निष्कर्ष तक पहुँचने का साधन 
प्रश्न 12 -शोध -प्रारूप में शामिल नहीं है ?
  1. अध्यायों की रूपरेखा 
  2. विषय की प्राकल्पना 
  3. चयनित विषय पर पहले से किये गए अध्ययन का संज्ञान 
  4. शोध की प्रकाशन की संभावनाएं 
प्रश्न 13 - A -किसी कृति का बहिरंग परिक्षण अथवा तथ्यान्वेषण ही अनुसन्धान की सीमा नहीं है ,आलोचनात्मक विश्लेषण भी अनुसन्धान है। 
b -आलोचनात्मक प्रतिभा के बिना उत्कृष्ट अनुसन्धान संभव नहीं है। 

  1. a और b दोनों गलत 
  2. a सही b गलत 
  3. a और b दोनों सही 
  4. a गलत b सही 
प्रश्न 14 -शोध आचार नीति के संदर्भ में निम्नलिखित में से किसे सबसे अधिक असुरक्षित चरण माना जाता है ?
  1. अध्ययन के उद्देश्य एवं कार्यक्षेत्र को परिभाषित करना।  
  2. समग्र एवं प्रतिदर्श पद्यति को परिभाषित करना। 
  3. प्रदत्तों का विश्लेषण ,उनकी व्याख्या तथा परिणाम की जानकारी 
  4. शोध के साधनों का चरण ,चाहे वे गुणात्मक अथवा मात्रात्मक हो। 
प्रश्न 15 -निम्नलिखित में से किस क्रम में मात्रात्मक प्रतिमान का उपयोग करते हुए शोध के चरणों को सही ढंग से दर्शाया  गया है ?
  1. परिकल्पना का निर्माण ,परिकल्पना परिक्षण और प्रतिवेदन लेखन 
  2. शोध समस्या का निर्धारण ,परिकल्पना  का निर्माण ,परिकल्पना परिक्षण ,सामान्यीकरण एवं निष्कर्ष तथा परिणामों के निहितार्थ 
  3. समस्या की पहचान ,प्रतिदर्श का चयन ,शोध  अभिकल्प को विकसित करना और फील्डवर्क 
  4. समस्या को परिभाषित करना ,सम्बंधित अध्ययनों का सर्वेक्षण ,प्रतिदर्श ,प्रतिचयन ,प्रदत्तों का संग्रहण और प्रदत्तों का विश्लेषण 
प्रश्न 16  -निम्नलिखित में से किस शोध विधि में चर परिवर्त में हेरफेर और नियंत्रण तथा प्रतिदर्श  यादृच्छीकरण दो मुख्य अपेक्षाएं है ?
  1. कार्येत्तर शोध 
  2. वर्णात्मक शोध 
  3. व्यष्टि अध्ययन 
  4. प्रयोगनात्मक 
प्रश्न 17 -नीचे दो सेट दिए गए है जिनमे सेट -1 में शोध प्रकार का उल्लेख है जबकि सेट -2 में उनका वर्णन है। 

शोध के प्रकार                                                                    वर्णन 

  1. मौलिक शोध                                         1 - विशिष्टताओ पर केंद्रित गहन अध्ययन 
  2. व्यवहृत शोध                                         2 -हस्तक्षेप आधारित सुधारनात्मक पहल 
  3. क्रियात्मक शोध                 3 - नयी परिस्थितियों में सत्य सिद्धांत के अनुप्रयोग की संभावनाओं को तलाशना 
  4. व्यक्ति अध्ययन शोध                               4 -प्रभाव जानने हेतू प्रभाव अध्ययन 
  5.                                                              5 -सिद्धांत निर्माण के माध्यम से ज्ञानकोष में अभिवृति  
प्रश्न 18 -निम्नलिखित में से किस कारण के आधार पर शोध में सूचना और सम्प्रेषण प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग सर्वाधिक उपयोगी है। 
  1.  शोध की लागत काम करने के लिए   
  2. आकादमिक अलंकरण हेतु 
  3. शोध के प्रदत्तों की उपलब्धता की गुंजाईश में विस्तार हेतु 
  4. संवादात्मक अंतःक्रिया के संवर्धन हेतु   
प्रश्न 19 -भारतीय तर्कशास्त्र में ज्ञान के किस साधन से दो वस्तुओ के बीच समानता प्राप्त की जाती है ?
  1. तुलना 
  2. अनुमिति 
  3. प्रत्यक्षण 
  4. निहितार्थ  
प्रश्न 20 -प्रत्यक्षवाद की विशेषता नहीं है ?
  1. वस्तुनिष्टता 
  2. कार्य कारण सम्बन्ध 
  3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण 
  4. अनुभव  
प्रश्न 21 -प्रत्यक्षवाद की तकनीक नहीं है ?
  1. निरिक्षण 
  2. तुलनात्मक 
  3. ऐतिहासिक 
  4. भावना
प्रश्न 22 -इनमे से किसका सम्बन्ध प्रत्यक्षवाद से है ?
  1. धार्मिक स्तर 
  2. तात्विक स्तर 
  3. वैज्ञानिक स्तर 
  4. सामूहिक स्तर 
प्रश्न 23 -शोध नैतिकता में शामिल है -
  1. किसी शोध प्रबंध का पूर्णतः अनुकरण करना 
  2. सत्यनिष्ठा 
  3. ईमानदारी 
  4. सामाजिक जिम्मेदारी 
प्रश्न 24 -गुणात्मक शोध में मुख्यतः किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
  1. आगमन 
  2. निगमन 
  3. सादृश्यपरक 
  4. निहितार्थ 
प्रश्न 25 -वर्णात्मक शोध का  सम्बन्ध किस समय से होता है -
  1. भूतकाल 
  2. वर्तमान 
  3. भविष्य 
  4. समयानुसार  

हिंदी उपन्यास

हिंदी उपन्यास 

DEVKANT SINGH
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प्रश्न 1 -निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?
  1. महाकाल ,अमृत और विष ,मानस का हंस  ,खंजन नयन 
  2. अमृत और विष ,मानस का हंस,खंजन नयन ,महाकाल 
  3. अमृत और विष ,महाकाल ,खंजन नयन ,मानस का हंस 
  4. अमृत और विष ,खंजन नयन ,महाकाल ,मानस का हंस 
प्रश्न 2 -150 वर्ष पूर्व संक्रमणकालीन भारत की संस्कृति को जानने के लिए इससे बेहतर उपन्यास नहीं हो सकता किस उपन्यास के बारे में यह कथन है ?
  1. परीक्षा गुरु 
  2. गोदान 
  3. देवरानी  जेठानी की कहानी 
  4. मैला आँचल 
प्रश्न 3 -"नहीं चाहिए हमे ऐसी अलमारी। घर   का सारा आलतू -फालतू सामान मेरे लिए। अपने लिए कैसा बढ़िया कमरा ,कैसी बढ़िया अलमारी।"किस उपन्यास का कथन है ? 
  1. झूठा सच 
  2. मानस का हंस 
  3. आपका बंटी 
  4. बाणभट्ट की आत्मकथा 
प्रश्न 4 --निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?
  1. गोदान , शेखर एक जीवनी , झूठा सच ,मानस का हंस
  2. गोदान ,झूठा सच ,शेखाए एक जीवनी ,मानस का हंस 
  3. गोदान ,मानस  हंस ,झूठा सच ,शेखर रक जीवनी 
  4. शेखर एक जीवनी ,मानस का हंस,गोदान ,झूठा सच 
प्रश्न 5 'तमस' उपन्यास में कितने दिन की कथा है ?
  1. 25 
  2. 15 
  3. 35 
प्रश्न6  -इनमें कौन से उपन्यास जीवनी परक उपन्यास है ?
  1. मानस का हंस 
  2. शेखर एक जीवनी 
  3. पहला गिरमिटिया 
  4. मैला आँचल 
  1. - 1 ,3 
  2. -1 ,3 ,4 
  3. -1 ,4 
  4. -1 ,,2 

प्रश्न 7 -यशपाल के उपन्यास 'झूठा सच' में दौलतराम आजाद किस राजनितिक  सदस्य था ?
  1. कांग्रेस 
  2. कम्युनिस्ट पार्टी 
  3. मुस्लिम लीग 
  4. जनसंघ 
प्रश्न 8 -निम्नलिखित में से क्या 'तमस' उपन्यास में सांप्रदायिक भावना निर्माण में सहायक नहीं है ?
  1. साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह 
  2. विभिन्न सम्प्रदायों का एक स्थान पर वास 
  3. वर्गीय पूर्वाग्रह 
  4. अतीत की गौरव -गाथाएँ 
प्रश्न 9 -निम्नलिखित में किस उपन्यास में राम और काम का द्वन्द चित्रित  हुआ है ?
  1. अमृत और विष 
  2. खंजन नयन 
  3. मानस  का हंस 
  4. नाच्यो बहुत गोपाल 
प्रश्न 10 -मन्नू भण्डारी अपनी आत्मकथा में 'आपका बंटी' उपन्यास  विभिन्न समीक्षाओ में से किस पक्ष को मानती है ?
  1. खंडित बचपन को 
  2. बच्चे के पालन पोषण का आर्थिक पक्ष 
  3. बाल -मनोवैज्ञानिक पक्ष 
  4. मुख्य स्त्री पात्र -स्त्रीत्व 
प्रश्न 11 -अगर प्रेम खूंखार शेर है तो मैं  उससे दूर ही रहूंगी। मैंने तो उसे गाय ही समझ रखा था। मैं प्रेम को संदेह से ऊपर समझती हूँ। वह देह की वस्तु नहीं ,आत्मा की वस्तु है। संदेह का वहाँ जरा भी स्थान नहीं और हिंसा तो संदेह का  परिणाम है। वह सम्पूर्ण आत्मसमर्पण है। ये पंक्तियाँ गोदान उपन्यास में किस पात्र द्वारा कही गई है ?
  1. गोविंदी 
  2. सोना 
  3. सिलिया 
  4. मालती 
प्रश्न 12 -'सेवासदन' उपन्यास उर्दू में किस नाम से प्रकाशित  था ?
  1. चौगाने हस्ती 
  2. किशना 
  3. असरारे मआविद 
  4. बाजरे हुस्न 
प्रश्न 13 -निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?
  1. कर्मभूमि ,गबन ,निर्मला ,रंगभूमि 
  2. निर्मला ,गबन ,रंगभूमि ,कर्मभूमि 
  3. रंगभूमि ,निर्मला ,गबन ,कर्मभूमि 
  4. कर्मभूमि ,रंगभूमि , गबन ,निर्मला 
प्रश्न 14 -'बाणभट्ट की आत्मकथा ' उपन्यास किस समय की पृष्ठभूमि पर आधारित है ?
  1. औपनिवेशिक काल 
  2. छठी -सातवीं शताब्दी 
  3. पहली -दूसरी शताब्दी 
  4. बारहवीं -तेरहवी शताब्दी 
प्रश्न 15 -निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?
  1. झरोखे ,तमस ,वसंती ,कुंतो 
  2. तमस ,कुंतो ,वसंती ,झरोखे 
  3. तमस ,वसंती ,कुंतो ,झरोखे 
  4. तमस ,झरोखे ,वसंती ,कुंतो 
प्रश्न 16 -निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?
  1. यादों का पहाड़ ,आधा पुल ,कभी न छोड़े खेत ,घास गोदाम 
  2. आधा पुल ,घास गोदाम ,यादों का पहाड़ ,कभी न छोड़े खेत 
  3. घास गोदाम ,आधा पुल ,कभी न छोड़े खेत ,यादों का पहाड़ 
  4. कभी न छोड़े खेत ,घास गोदाम ,यादों का पहाड़ ,आधा पुल 
प्रश्न 17 -'यादों का पहाड़' किसका उपन्यास है ?
  1. कृष्णा सोबती 
  2. मन्नू भण्डारी 
  3. जगदीशचंद्र 
  4. काशीनाथ सिंह 
प्रश्न 18 -"भेद इतना ही है की उनमे सामाजिक ऊँचनीय का ऐसा भेद नहीं है। जहाँ भारत वर्ष के समाज में एक सहस्त्र स्तर है वहाँ  समाज में कठिनाई से दो तीन होंगे।" किस उपन्यास का कथन है ?
  1. धरती धन न अपना 
  2. बाणभट्ट की आत्मकथा 
  3. गोदान 
  4. झूठा सच 
प्रश्न 19 -'धरती धन न अपना' उपन्यास का दूसरा भाग किस नाम से प्रकाशित हुआ ?
  1. बीच की दीवार 
  2. नरकुण्ड में वास 
  3. लाट की वापसी 
  4. जमीन तो अपनी थी 
प्रश्न 20 -इनमें से कौन आंचलिक उपन्यास नहीं है ?
  1.  धरती धन न अपना 
  2. मैला आँचल 
  3. गोदान 
  4. मानस का हंस
  1. - 1 ,3 
  2. -1 ,3 ,4 
  3. -3  ,4 
  4. -1 ,,2 
प्रश्न 21 -कौन से उपन्यास पर आंचलिकता को लेकर विवाद है ?
  1. गोदान 
  2. मैला आँचल 
  3. राग दरबारी 
  4. धरती धन न अपना 
प्रश्न 22 -इनमें  से किस उपन्यास को हिंदी साहित्य का प्रथम आंचलिक उपन्यास माना जाता है ?
  1. धरती धन न  अपना 
  2. देहाती दुनिया 
  3. जिंदगीनामा 
  4. परती परिकथा 
प्रश्न 23 -गोपाल राय  ने हिंदी का प्रथम उपन्यास किसे माना है ?
  1. परीक्षा गुरु 
  2. देवरानी जेठानी  की कहानी
  3. रानी केतकी की कहानी  
  4. ठेठ हिंदी का  ठाठ 
प्रश्न 24 -देवरानी जेठानी की कहानी उपन्यास  प्रकाशन वर्ष ?
  1. 1870 
  2. 1877 
  3. 1882 
  4. 1890 
प्रश्न 25 -परीक्षा गुरु उपन्यास  प्रकाशन वर्ष ?
  1. 1870 
  2. 1877 
  3. 1882 
  4. 1890 
प्रश्न 26 -फणीश्वर नाथ रेणु का पहला उपन्यास कौन सा है ?
  1. परती परिकथा 
  2. मैला आँचल 
  3. उपसंहार 
  4. पहला गिरमिटिया 
प्रश्न 27 -'तमस' उपन्यास को कब साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला ?
  1. 1973 
  2. 1974 
  3. 1975 
  4. 1976 
प्रश्न 28 -'जिंदगीनामा' उपन्यास को कब साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला ?
  1. 1979 
  2. 1980 
  3. 1981 
  4. 1982 
प्रश्न 29 -'पहला गिरमिटिया' उपन्यास किसका है ?
  1. प्रेमचंद 
  2. जगदीशचंद्र 
  3. गिरिराज किशोर 
  4. रमेशचंद शाह 
प्रश्न 30 -आत्मपरक शैली में लिखा गया उपन्यास कौन से है ?
  1. शेखर एक जीवनी 
  2. गोदान 
  3. त्याग पत्र 
  4. काशी का अस्सी 
  1. - 1 ,3 
  2. -1 ,3 ,4 
  3. -3  ,4 
  4. -1 ,,2 
प्रश्न 31 -गोदान का गोबर किस वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है ?
  1. सामंतशाही को चुपचाप सहन करने वाले वर्ग का 
  2. रूढ़ि विरोधी नयी पीढ़ी के किसान -युवक का 
  3. रूढ़िवादी परम्परा को मानने वाले वर्ग का 
  4. समाज सेवा करने वाले वर्ग का 
प्रश्न 32 -गोदान का कौन सा पात्र प्रेमचंद के प्रगतिशील विचारो का वाहक माना जाता है ?
  1. होरी 
  2. मिस्टर खन्ना 
  3. प्रोफेसर मेहता 
  4. ओंकारनाथ 
प्रश्न 33 -हजारीप्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निम्नांकित कृतियों में से कौन सी कृति उपन्यास विधा से सम्बन्ध नहीं है ?
  1. चारुचंद्र लेख  
  2. बाणभट्ट की आत्मकथा 
  3. अनामदास का पोथा 
  4. कुटज 
प्रश्न 34 -स्त्री की सफलता पुरुष को बांधने में है ,किन्तु सार्थकता पुरुष की मुक्ति में है। बाणभट्ट  आत्मकथा में यह कथन किसका है ?
  1. भट्टिनी 
  2. निपुणिका 
  3. महामाया 
  4. सुचरिता 
प्रश्न 35 -बाणभट्ट की आत्मकथा है एक .... 
  1. प्रेम कथा 
  2. संघर्ष कथा 
  3. मनोविज्ञान कथा 
  4. जीवन मूल्यों पर आधारित उदात्त प्रेम कथा 
प्रश्न 36 -गोदान उपन्यास को गद्य प्रस्तुत महाकाव्य कहा जाता है ,क्योंकि उसमे .... 
  1. भारतीय जनजीवन का यथार्थ चित्रण है 
  2. सामान्य आदमी  अच्छाइयों का विवेचन है 
  3. सामाजिक संस्कार का सूक्ष्म अभिनिवेश है 
  4. इनमे से सभी 
प्रश्न 37 -यशपाल के झूठा सच उपन्यास की लोकप्रियता का क्या कारण है ?
  1. उसमे झूठ  को सच के रूप में दिखाया गया है। 
  2. उसमे भारत विभाजन की वेदना की यथार्थ प्रस्तुति है। 
  3. उसमे मनुष्यता को हारते हुए दिखाया गया है। 
  4. उसमें रचनाकार  कुछ भी अपनी और से नहीं कहता। 
प्रश्न 38 -निम्नलिखित  में से किस उपन्यास में उत्तर प्रदेश  पूर्वांचल के एक कस्बानुमा गाँव शिवपाल गंज की कहानी वर्णित है ?
  1. रागदरबारी 
  2. आधा गाँव 
  3. मैला आँचल 
  4. गली आगे मुड़ती है 
प्रश्न 39 -शकुन और डॉ जोशी के अंतर सम्बन्धों पर आधारित कथानक किस उपन्यास में प्रस्तुत  किया गया है ?
  1. आपका बंटी 
  2. महाभोज 
  3. टुटा हुआ इंद्रधनुष 
  4. तिरछी बौछार 
प्रश्न 40 -लाला ब्रजकिशोर और मुंशी चुन्नीलाल निम्नलिखित में से किस उपन्यास के पात्र है ?
  1. भाग्यवती 
  2. देवरानी जेठानी की कहानी 
  3. नूतन ब्रह्मचारी 
  4. परीक्षा गुरु 
प्रश्न 41 -तमस उपन्यास के पात्र है 
  1. कनक 
  2. रिचर्ड 
  3. लिजा 
  4. सेल्मा 
1 -1 और  2 
2 -2 और 4 
3 -2 और 3 
4 -1 और 4 

प्रश्न 42 -करम बीबी और सरफराज निम्न में से किस उपन्यास के पात्र है ?
  1. जिंदगीनामा 
  2.  सूरजमुखी अँधेरे में 
  3.  डार से बिछड़ी 
  4. यारो  के यार 
प्रश्न 43 -मन्नू भंडारी द्वारा रचित उपन्यास नहीं है। 
  1. महाभोज 
  2.  आपका बंटी 
  3. शैलूष 
  4. बसंती 
1 -1 और  3  
2 -2 और 3  
3 -4  और 3 
4 -1 और 2  

प्रश्न 44 -सांप्रदायिक विद्वेष और विभाजन की त्रासदी पर आधारित उपन्यास है। 
  1. आवारा मसीहा 
  2. महाभोज 
  3. तमस 
  4. झूठा सच 
1 -1 और  2 
2 -2 और 4 
3 -2 और 3 
4 -3 और 4 

प्रश्न 45 -प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित उपन्यासों का सही अनुक्रम है। 
A -वामा शिक्षक 
B -निस्सहाय हिन्दू 
C-भाग्यवती 
D -देवरानी जेठानी की कहानी  

  1. D,A,C,B
  2. A,B,C,D
  3. B,C,D,A
  4. C,D,A,B
प्रश्न46  - झूठा सच उपन्यास के पात्र है -
  1. तारा , जयदेव 
  2. रणवीर ,देवव्रत 
  3. सोमराज ,रावत 
  4. रुप्पन बाबू ,सनीचर 
1 -1 और  3  
2 -2 और 4 
3 -2 और 3 
4 -1 और 2 ,3 

प्रश्न 47 -लक्ष्मी दासिन निम्नलिखित में से  किस उपन्यास  की पात्र है ?
  1. मैला आँचल 
  2.  परती परिकथा 
  3. जूलूस 
  4. कितने चौराहे 
प्रश्न 48 -माता पिता के सम्बन्ध विछेद से विच्छेद से  प्रभावित बालक के त्रस्त जीवन को कथा पर आधारित उपन्यास है ?
  1. एक इंच मुस्कान 
  2. अनुगूँज 
  3. आपका बंटी 
  4. बेघर 
प्रश्न 49 -रागदरबारी उपन्यास के पात्र है -
  1. मदन मोहन और बाबू बैजनाथ 
  2. मास्टर मोतीराम और रामाधीन 
  3. मास्टर शिंभूदयाल और पुरुषोत्तमदास 
  4. काशीशाह और गंडा सिंह 
प्रश्न 50 -गोदान उपन्यास  होरी  अवध प्रान्त के किस गाँव का रहने वाला किसान था ?
  1. बेलारी 
  2. गंगौली 
  3. सेमरी 
  4. पांडेयपुर 
 


उत्तरमाला 

उत्तरमाला 

  1. b
  2. a
  3. -1
  4. -3
  5. -4
  6. -3 
  7. -4
  8. -4
  9. -2
  10. -1
  11. -1
  12. -4
  13. -3
  14. -1
  15. -3
  16. -4
  17. -1
  18. -1
  19. -1
  20. -3
  21. -2
  22. -1
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विकासात्मक शोध -चारो की प्रभावशीलता का अध्ययन 
ऐतिहासिक शोध -नविन तथ्यों की खोज 

मेकग्रेथ तथा वाटसन के अनुसार -अनुसन्धान एक प्रक्रिया है , जिसमे खोज प्राविधि का प्रयोग किया जाता है जिसके निष्कर्षो की उपयोगिता हो ,ज्ञान वृद्धि की जाये ,प्रगति के लिए प्रोत्साहित करे ,समाज के लिए सहायक हो तथा मनुष्य को अत्यधिक प्रभावशाली बना सके। 
समाज तथा मनुष्य अपनी समस्याओं को प्रभावशाली ढंग से हल कर सके। 

प्रत्यक्षवाद 


अनुसन्धान के प्रकार 


  1. बौद्धिक 
  2. व्यावहारिक 
बौद्धिक कारन का सम्बन्ध मनुष्य की जिज्ञासा की प्रवृति तथा ज्ञानार्जन से प्राप्त संतुष्टि की भावना से है। 

व्यावहारिक कारन का सम्बन्ध मनुष्य की उस इच्छा से है जिसके द्वारा वह ज्ञान प्राप्त करके अन्य कार्यो को अधिक कुशलतापूर्वक कर सके। 

 बौद्धिक अनुसन्धान को मूलभूल अनुसन्धान भी कहा जाता है। 

मुलभुत अनुसन्धान -ऐसे अनुसन्धान जिनके निष्कर्षो द्वारा किसी विशेष वैज्ञानिक नियमो का प्रतिपादन हो ,इस वर्ग में आते है मुलभुत अनुसन्धान का मुख्या उद्देश्य नई प्ररचनाओ का निर्माण करना है। 

व्यवहृत अनुसन्धान -जिनके द्वारा किसी समस्या -विशेष का समाधान  आवश्यक हो। 


अनुसन्धान के सोपान 

  1. समस्या का चयन 
  2. परिकल्पना का प्रतिपादन 
  3. शोध की रूपरेखा 
  4. प्रदत्तों का संकलन 
  5. प्रदत्तों का विश्लेषण 
  6. सामान्यीकरण तथा निष्कर्षो का प्रतिपादन 

अनुसन्धान की विधियाँ 

  1. ऐतिहासिक 
  2. वर्णात्मक 
  3. प्रयोगनात्मक 
  4. मात्रात्मक 
  5. गुणात्मक 
ऐतिसाहिक शोध -ऐतिहासिक समस्याओ का वैज्ञानिक विश्लेषण भूत ,वर्तमान तथा भविष्य का सम्बन्ध स्थापन 
शिक्षा तथा मनोविज्ञान  के लिए वैज्ञानिक आधार
 

ऐतिहासिक अनुसन्धान के पद 

आकंड़ो का संग्रह 
आकड़ो का विश्लेषण 
उपर्युक्त के आधार पर तथ्यों के विश्लेषण एवं रिपोर्ट 

ऐतिहासिक अनुसन्धान का क्षेत्र 
बड़े शिक्षाशास्त्रीय एवं मनोवैज्ञानिक के विचार 
संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कार्य 
विभिन्न कालो में शैक्षिक एवं मनोवैज्ञानिक विचारों के विकास की स्थिति 
एक विशेष प्रकार की विचारधारा का प्रभाव और उसके और उसके स्रोत 
शिक्षा के लिए संवैधानिक व्यवस्था 
पुस्तक सूचि तैयार करना


ऐतिहासिक अनुसन्धान में नियंत्रण सम्बन्धी कठिनाई 


  1. ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करना ,जिसका पता न लगा हो। 
  2. पुराने अनुसन्धान का संशोधन  

वर्णात्मक तथा विवरणात्मक शोध 

इसका सम्बन्ध किसी व्यक्ति से न होकर सम्पूर्ण जनसँख्या से होता है। 

ऐतिहासिक शोध का सम्बन्ध भूतकाल से होता है 
वर्णात्मक का सम्बन्ध वर्तमान से 
प्रयोगनात्मक का सम्बन्ध भविष्य से 

गुणात्मक शोध 

  1. गुणात्मक शोध गहन साक्षात्कार ,दस्तावेजों की समीक्षा करता है 
  2. मुख्यतः आगमन विधि का प्रयोग होता है 
  3. विषयनिष्ठ होता है। 
  4. गुणात्मक या वर्णन आधारित होता है। 
  5. मानवीय व्यवहारों का अध्ययन करता है। 

मात्रात्मक शोध 

  1. मात्रात्मक या परिणात्मक सांख्यिकी सूचनाओं ,सर्वेक्षण ,संरचना साक्षात्कार ,प्रेक्षण रिकॉर्ड्स और रिपोर्ट 
  2. मुख्यतः निगमन  प्रयोग 
  3. वस्तुनिष्ट 
  4. संख्या आधारित 

शोध नैतिकता 

  1. सत्यनिष्ठा 
  2. ईमानदारी 
  3. वैधता 
  4. गैर भेदभाव 
  5. सामाजिक जिम्मेदारी 

प्रत्यक्षवाद 

अगस्त कॉम्ट 
जन्म -1798 
मृत्यु -1857 

तीन स्तरीय नियम 
  1. धार्मिक स्तर 
  2. तात्विक स्तर 
  3. वैज्ञानिक स्तर 
धार्मिक स्तर के तीन भेद 
  1. जीवित सत्तावाद 
  2. बहुदेववाद 
  3. अद्वैतवाद 
प्रत्यक्षवाद की तकनीक 
  1. निरिक्षण 
  2. प्रयोगात्मक 
  3. तुलनात्मक 
  4. ऐतिहासिक 
  5. वर्गीकरण 
यथार्थवादी विचारधारा 
समाजशास्त्रीय शोध 
वैज्ञानिक विधि से सत्य की खोज 
तथ्यवाद 
विज्ञानवाद 

प्रत्यक्षवाद केवल उन घटनाओ की व्याख्या करता है जिसे हम प्रत्यक्ष रूप से अनुभव व् निरिक्षण कर सकते है। 

प्रत्यक्षवाद की प्रवृति 
  1. वस्तुनिष्ठता 
  2. तार्किक विश्लेषण 
  3. कार्य -कारन सम्बन्ध 
  4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण 
  5. यथार्थवादी प्रकृति 
  6. सकारात्मकता 

उत्तर प्रत्यक्षवाद 

तार्किक प्रक्रिया +व्यक्तिगत अनुभव 

जहाँ प्रत्यक्षवाद सिद्धांत की व्याख्या वैज्ञानिक विधि से करता है ,वही उत्तर प्रत्यक्षवाद समस्या का गहन विश्लेषण करके कारणों की खोज व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर करता है। 

प्रत्यक्षवाद अवलोकन ,निरिक्षण पर बल देता है। उत्तर प्रत्यक्षवाद अवलोकन ,निरिक्षण को अस्थिर मानता है। क्योंकि यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। 

उत्तर प्रत्यक्षवाद व्यक्तिवादी है वस्तुनिष्ठ नहीं 

उत्तारप्रत्यक्षवाद ज्ञान को विनिमय की वस्तु नहीं मानता। 

परायी प्यास का सफर -आजमशाह खान -parayi pyas ka safar- aajmshah khan

परायी प्यास का सफर -आजमशाह खान 

आजमशाह खान राजस्थानी धरती के समृद्ध साहित्यिक परिवेश से आते है। उनके कथा साहित्य में निम्नवर्गीय और मध्यवर्गीय व्यक्तियों की विडंबनाओं को दर्शाया गया है। आजमशाह की पहली कहानी संग्रह 'परायी प्यास का सफर' है। इनके द्वारा रचित कहानी संग्रह की संख्या 5 है। 
  1. पराई प्यास का सफर  
  2. किराये की कोख 
  3. एक और सीता 
  4. एक गधे की जन्मकुंडली 
  5. सांसो का रेवड़ 
अंतिम कहानी -हम वतन है -सम्बोधन पत्रिका में प्रकाशित 

कमर मेवाड़ी का कथन -
                                    आलमशाह खान हिंदी कथा साहित्य का ऐसा नक्षत है जिसका प्रकाशन कभी धुंधला नहीं पड़ेगा। प्रेमचंद की परम्परा को विकसित करने में उनका योगदान सराहनीय है। 

परायी प्यास का सफर 

  • पात्र -दो लड़के लखना और बड़के 
  • लखना का सौतेला पिता उसकी माँ और बहन 
  • बड़के की माँ 
  • दुकान का मालिक  
बालमजदूरी का चित्रण 
बालक का शारीरिक और मानसिक शोषण 
सौतेले पिता के द्वारा किया गया अत्याचार 
बाल मनोविश्लेषण 

कहानी का सारांश 

कहानी की  शुरुवात एक दुकान में लखना का सेठ से आदेश  लेकर बार -बार  सीढ़ियों पर ऊपर नीचे करने से होता है। कहानी में लखना ऊपर -नीचे  जाने में नहीं थकता लेकिन उस से एक काम के बाद दूसरा काम दे दिया जाता है। लड़का नशे का भी आदि  हो चूका है १२ वर्ष की उम्र में वह बीड़ी पीता है। उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। माता दूसरे व्यक्ति  शादी कर लेती है। लखना का सौतेला पिता उसे इसी दुकान में काम पर लगा देता है। 15 रुपए मजदूरी पर लखना वहां  काम करता है। 

'पंद्रह रुपया महीना ,रोटी कपडा और चाय -बीड़ी'
 
लखना का सौतेला पिता उसकी माँ को पीटता है और उसकी बहन को भी पीटता है। लखना उन्ही लोगों  के लिए यहाँ पर काम करता है एक दिन लखना का सौतेला पिता आता है। उससे पैसे मांगने लगता है लखना जवाब देता है. -

'वो कॉलेज के लड़के आने लगे है इधर। इस तेन के चार चम्मच उड़ा ले गए ----एक के सूट पर चाय छलक गयी मुझसे। पांच रूपए यू  कट गए। 

लखना का सौतेला पिता उस पर गुस्सा होने लगता है तेरी एक बहन भी हुई है। तेरी माँ को कमजोरी आ गई है तू काम नहीं करेगा तो खर्चा कैसे चलेगा।  उसका उत्तर देते हुए लखना कहता है। -

'दिन और साँझ की अपनी चाय कट करके मैं टूट -फूट भर दूँगा।' 

लखना और बड़के दोनों एक ही दुकान पर काम करते है वह बात करते है की एक फिल्म बॉबी लगी है। जिसे देखना उन्हें अच्छा लगा। उसे वह पूरा नहीं देख पाए इंटर्वल के बाद का ही हिस्सा देखा है। यहाँ पर लड़को के शारीरिक शोषण का जिक्र है जिससे गार्ड उन्हें फिल्म देखने देता है। 

तू जानता है ,वो सिनेमा की गेट वाला गफूर अपना यार है आजकल ----- ..
यार हाँ जानता हूँ 
फिर 
तू मुझ से उड़ मत  मुझे पता है ,उससे तेरी यारी कैसी है ?
तो क्या हुआ ----थोड़ा गाल -बाल पर दाँत -बात लगा देता है ---और क्या ?
और वो ताले चाबी का खेल नहीं होता ?
होता है ----तो क्या बिगड़ता है कुछ ----फिर फिल्म भी तो दिखता है। 
मैंने भी इंटरवल देखा है बॉबी का। 
तेरे को भी गफूर ने दिखाया है न ?मुझे भी तेरा सब पता है। 

शारीरिक शोषण सिर्फ स्त्रियों का न होकर बच्चों का भी होता है इसे आजमशाह खान ने सफलता पूर्वक चित्रित किया है। किस प्रकार हम किसी चीज का लालच देकर दूसरे व्यक्ति को आकर्षित करते है। शारीरिक शोषण सिर्फ जबरदस्ती ही नहीं होता इसे ऐसे भी सम्पन्न किया जा सकता है इसे बखूबी दर्शाया गया है। जिस व्यक्ति के पास उसका आभाव हो जिसे वह पाना चाहता है और प्रबल इच्छाशक्ति है उस वस्तु को पाने की वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो तो वैसे व्यक्ति का भी शारीरिक शोषण उसी प्रकार किया जाता है जिस से वह व्यक्ति विरोध भी न कर पाए और काम भी सध जाये खैर ..----

लखना और बड़के को उनकी मजदूरी मिली है। लखना को खाना बनाने की इच्छा  नहीं है लेकिन बड़का चाहता है  बने उन्हें आज मजूरी मिली है। लखना कहता है -

'अपने किस काम की। दिन चढ़ते न चढ़ते नया बाप आ मरेगा और टेंट में सब खोसकर ले जायेगा। 
वो तेरा बाप तो कल आएगा ,मेरी महतारी तो एडवांस ले भी गयी।' 

 लखना और बड़के खाने के लिए बाहर होटल में चले जाते है  बड़का मना करता है की अगर इस पैसे को तू खा लेगा तो तेरा बाप आएगा तो उसे क्या देगा 'लखना कहता है  की रहूँगा तभी तो। बड़का कहता है -

'तेरी माँ और टुनिया को भी सताएगा।' 

होटल में जाने पर वह पूछते है यहाँ क्या -क्या है। उन्ही का हमउम्र लड़का कई प्रकार के भोज्य पदार्थ का नाम बता देता है यह फिर कहते है पहले पानी लाओ वास्तव में इन्हे कुछ समझ नहीं आता की उसमे क्या ऐसा है खाने का सबसे अच्छा तभी होटल का मालिक  पूछता  है की ऐसे ही आ गए या  कुछ पैसे भी है। लखना दस का नोट हवा में लहराता है ,मालिक कहता है  ये जो मांगे इनके लिए ले आओ। वह सबसे अच्छी सब्जी और रोटी  मंगाते है। उसके बाद गुलाब जामुन। 

वह वापस आ कर लेट जाते है तभी उन्हें प्यास का एहसास होता है और वह एक दूसरे से पानी लाने को कहते है पानी न लखन लाता है  न ही बड़का तभी सेठ लखना को पानी  लाने के लिए बुलाता है लखना तुरंत जाता है और उसे पानी दे कर वापस आता है और वापस लेट जाता है तभी बड़का कहता है अकेले अकेले पानी पी  गया मेरे लिए नहीं  लाया वह कहता है मैंने खुद भी पानी नहीं पिया और उसके  साथ ही कहानी की समाप्ति हो जाती है। 

'प्यासा तो मैं अब भी हूँ ,पर आर्डर सेठ का था ,सो उसे पीला दिया ----मुझे पानी पीने की याद ही नहीं रही। रोज आर्डर देने वाला खाता -पीता है ना। अपन लोग तो बस --- . . 

 समाप्त  


देवरानी जेठानी की कहानी- पंडित गौरी दत्त

गौरीदत्त का जन्म -1836 
देवरानी जेठानी  की कहानी -1870 

गोपाल राय ने पंडित गौरीदत्त के इस उपन्यास को प्रकाशन वर्ष 1870 के हिसाब से हिंदी का पहला उपन्यास माना है  इस उपन्यास में तात्कालिक समाज जीवंत हो उठता है मसलन बाल विवाह , विवाह में फिजूलखर्ची ,स्त्रियों की आभूषण प्रियता, बटवारा वृद्धजनों की समस्याएं स्त्री शिक्षा जैसे सामाजिक मुद्दों के चित्रण में यह उपन्यास कभी नहीं चूकता।      

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 देवरानी जेठानी की कहानी  उपन्यास के प्रमुख पात्र                                    

  1. सर्व सुख मुंशी
  2.  टिकट नारायण                                                                                  
  3.  हरसहाय काबली 
  4. पार्वती
  5.  सुखदेव
  6.  दौलत राम 
  7. छोटेलाल

सर्वप्रथम यह उपन्यास 1870 ई में मेरठ के एक लिथोप्रेस  'छापाखाना ए जीयाई' में प्रकाशित हुआ और इसकी 500 कृतियां प्रकाशित की गई थी और मूल्य केवल 12 आने था। 

 गोपाल राय ने  देवरानी जेठानी की कहानी को हिंदी साहित्य का प्रथम उपन्यास माना है। 

 छोटे आकार क्राउन  साइज के मात्र 35 पृष्ठों की इस छोटी-सी औपन्यासिक कृति  में तत्कालीन सामाजिक समस्याओं को इतने सूक्ष्म दृष्टि से इतने बहुआयामी रूप में संदर्भित किया गया है कि हिंदी के प्रथम उपन्यास में ही यह  कौशल देखकर आश्चर्य होता है।  बाल विवाह,  विवाह में फिजूलखर्ची, स्त्रियों की आभूषण प्रियता की वृत्ति , परिवार में अलगौझा  की समस्या के साथ बड़े कौशल के साथ नारी शिक्षा के साथ अन्तर्ग्रहीत  है। 

 जब सांयकाल   को सारे दिन का हारा थका  घर आता ,नून -तेल का झींकना  ले बैठती।  कभी कहती मुझे गहना बना दो ,रोती -झींकती ,लड़ती भिड़ती।  उसे रोटी न करके देती। कहती की फैलाने की  बहू को देख,गहने में लद  रही है। उसका मालिक नित नयी  चीज लावे है मेरे तो घर में आकर भाग फूट गए वह कहता  जाने भगवान रोटियों की क्यों कर गुजारा कर रहे हैं तुझे गहने - पाते की सूझ रही है। 

इसकी रोचकता और समाज सुधार की दृष्टि से ही प्रभावित हो पश्चिम देशाधिकारी श्री लेफ्टिनेंट गवर्नर बहादुर ने 24 जून 1870 के पत्र द्वारा पंडित गौरीदत्त को ₹100 के पुरस्कार से प्रोत्साहित किया। 

  बच्चन सिंह ने अपनी 'हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास '  में देवरानी जेठानी की कहानी वामा शिक्षक और भाग्यवती के साथ रखकर इसे  'स्त्री जनोचित शिक्षा' ग्रन्थ  कहकर चलता कर देते हैं इसमें औपन्यासिकता  का अभाव देखते हैं। 

हिंदी साहित्य में किन्नर विमर्श -एक पूर्वपीठिका  साहित्य किसी भी स्थिति की तहों में जाकर समाज का सरोकार उन विमर्शो और मुद्दों से करता है जिस...