sindur ki holi ki pdf

सिंदूर की होली -लक्ष्मीनारायण मिश्र 

सिंदूर की होली -1934 

लक्ष्मीनारायण मिश्र -1903 

पात्र 

  • रजनीकांत 
  • मनोजशंकर 
  • मुरारीलाल -डिप्टी कलेक्टर 
  • माहिर अली -मुरारी का मुंशी 
  • भगवंत सिंह 
  • हरनन्दन सिंह 
  • चन्द्रकला -मुरारी लाल की बेटी 
  • मनोरमा 
  • डॉक्टर और कुछ अन्य जन 
मुख्य कथन 
  • आजकल का कानून ही ऐसा है। इसमें सजा उसको नहीं दी जाती जो की अपराध करता है ----सजा तो केवल उसको होती है। जो अपराध छिपाना नहीं जानता -मुरारी लाल ,महिराअली से 
  • प्रेम तो दो चार से हो नहीं सकता और अब प्रथम प्रदर्शन में प्रेम का समय भी नहीं रहा  युग दूसरा था ,जब ह्रदय का रस संचित रहता था और अनायास किसी और वह बाह उठता था। अब तो व्यय की मात्रा संचय से अधिक हो गई है। -चन्द्रकला ,मनोरमा से 
  • समय पर स्वादिष्ट भोजन और सुख की नीद ,सुन्दर वस्त्र --संसार का सुख तो इन्ही वस्तुओ में सीमित है। -मनोरमा ,मुरारीलाल से 
  • कानून और कला का साथ नहीं हो सकता न ?कानून दंड देगा ,कला क्षमा करेगी। कानून संदेह करेगा ,कला विश्वास करेगी। -मनोरमा ,मुरारीलाल से 
  • पुरुष आँख  लोलुप होते है , विशेषतः स्त्रियों  सम्बन्ध ,में मृत्यु सय्या   पर भी सुन्दर स्त्री इनके लिए सबसे बड़ा लोभ हो जाती है। -मनोरमा ,मुरारीलाल से 
  • जिसके लिए चोरी करे वही कहे चोर -मुरारीलाल ,मनोजशंकर से 
  • पुरुष का सबसे बड़ा रोग स्त्री है। और स्त्री का सबसे बड़ा रोग है पुरुष -मनोरमा ,मनोजशंकर से 
  • प्लेटो के प्रजातंत्र में कवि को कोई स्थान नहीं मिला था ---स्त्री की प्रेम तंत्र में बुद्धि और  ज्ञान को कोई स्थान नहीं मिला है -मनोजशंकर ,मुरारीलाल से 
  • प्रेम  करना विशेषतः स्त्री के लिए कभी बुराई नहीं --स्त्री जाती की स्त्रुति केवल इसलिए होती है। की वे प्रेम करती है। --प्रेम के लिए ही उनका जन्म होता है। --स्त्री चरित्र की सबसे बड़ी विभूति , उसका सबसे बड़ा तत्व प्रेम माना गया है। -मनोजशंकर मुरारी लाल से 
  • कवि और गायक भावुक जीव होते है। -डॉक्टर ,मनोजशंकर से 
  • स्वास्थ के कृत्रिम साधनो और बोतल की दवाओं ने स्वास्थ की जड़ काट दी। स्वास्थ तो आपलोगो की अलमारियों में बंद है। लेकिन यह बहुत दिन नहीं चलेगा प्रकृति अपना बदला लेगी। प्रकृति के रास्ते पर लौट आना। 
  • देहातों में अधिकांशः रोग पूजा पाठ और तंत्र मन्त्र से अच्छे किये जाते है।  इन चीजों का प्रभाव सीधा मस्तिष्क पर होता है। --रोगी की इच्छा शक्ति जग जाती है। और प्रकृति की शक्तियों को काम करने का अवसर मिलता है। -मनोजशंकर ,डॉक्टर से 
  • पुरुष के लिए प्राश्चित करना पड़ता है। स्त्री को। स्त्री जीवन का सबसे सुन्दर और सबसे कठोर सत्य यही है। स्त्री इसलिए दुखी है और पुरुष इसी को अधिकार समझता है। -मनोरमा ,मनोजशंकर से 

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