हिंदी मीडियम फिल्म

                                   हिंदी मीडियम 

हिंदी मीडियम फिल्म भारतीय जगत की अनमोल फिल्म है /जिसमें प्राइवेट स्कूलों द्वारा शहरो में पढ़ाई पर कितने पापड़ बेलने पड़ते है /इसका जिक्र है इसमें बच्चे के योग्य होने के साथ -साथ माता -पिता के भी योग्य होने की बात को दर्शाता है /अगर माता -पिता योग्य नहीं है तब उसके बच्चे का वहां दाखिला होना नामुमकिन है /उसके लिए दलाल बैठे पड़े है /जो तुरंत ठगने के लिए टूट पड़ते हे/समाज की इस सच्चाई को उजागर करने वाले हिंदी मीडियम फिल्म ने हिंदी समाज को भी दर्शाया है /आज कोई मंत्री हिंदी नहीं जानता तो वह हमारे भारतीय जनता का दिल नहीं जीत सकता और न ही वह नेता बन सकता है एक अनपढ़ व्यक्ति भी हिंदी प्रदेशो में अच्छा भाषण देकर नेता बन जाता है /आज अधिकत्तर देशों के फिल्मों को हिंदी में अनुवाद करवाया जाता है /इसका क्या कारण है ?क्योंकि यहाँ भारत में हिंदी की फिल्में अधिक चलती है लेकिन आधुनिकता के दौर में भारत के शहरी हिस्सों में अंग्रेजी ने जोर पकड़ रखा है /जिसमें माता -पिता खुद भी नहीं चाहते की बच्चा हमारा घर पर भी मातृभाषा हिंदी का प्रयोग करें /वह चाहते है की वह सिर्फ अंग्रेजी ही बोले इस फिल्म में इरफान खान ने अपनी अहम् भूमिका निभाते हुए उन्होंने निम्नमध्यवर्गीय जीवन को भी दिखाया है /किस प्रकार वे आभाव की स्थिति में रहते है /न पानी ही अच्छा उपलब्ध है ,वहां मच्छरों की भरमार है /घर में इधर से उधर चूहें दौड़ते है उनके यात्रा करने को भी दिखाया गया है जो आज दिल्ली की मुख्य समस्या बना हुआ है /किस प्रकार भीड़ भरी बस में चढ़ना पड़ता है यह फिल्म यथार्थ का दर्शन कराता है ,जो 2017 की अच्छी फिल्मों में शामिल है /दिल्ली का तो यह यथार्थ है कि बेरोजगारी की इस दौर में जेबकतरों की संख्या बढ़ती जा रही है /वे आम जनता का जहां बसों में जेब काट रहे हे ,वहीं वे अधिक रात को लोगों को डराकर उनसे छीना -छपटी करते है /अन्तः हिंदी मीडियम एक बहुत अच्छी फिल्म है /

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