एहसास एक किशोरा के अस्तित्व की कथा


एहसास

एक किशोरा के अस्तित्व की कथा 

कमरे में अँधेरा छाया हुआ था। बाहर का शोरगुल नीता को व्याकुल कर रहा था। वह चाहती थी ,की जैसे यह लाइट गई और अँधेरा छा गया वैसे ही यहाँ शांति हो जाए वह सकून से कुछ सोच सके। लेकिन बाहर का शोर उसके आंतरिक मन में उठनेवाले विचारों को दबा देता ओर उसका ध्यान उसी की ओर केन्द्रित हो गया। सहसा रसोईघर से बर्तनों के गिरने की आवाज आयी /वह रसोईघर की तरफ चल दी /घर की आज पूरी जिम्मेदारी उसी के ऊपर थीरोज -रोज /माँ -पिताजी बड़ी बहन की शादी के लिए आवश्यक सामानों के ऑर्डर देने के लिए गए थे /जो रात के 11 बजे से पहले नहीं आ सकते ,बड़ी बहन मीना ,भाई अमित के साथ गाँव चली गई है /शादी शहर में होने के कारण वह गाँव में सबसे मिल लेना चाहती थी /कमरों के पद्चाप के कारण नीता का ध्यान टूटा /उसने देखा रोहित उसके सामने खड़ा है ,तभी बाहर लाइट आ जाती है /
क्या सोच रही थी ?तुम्हें सोचने के सिवा और कुछ काम नहीं /
काम ही तो कर रही हूँ ,उसने झुँझलाकर कहाँ /रोहित में चाहती हूँ की तुम कोई अच्छी लड़की देखकर शादी कर लो /
न नीता तुम्हें कुछ दिनों से क्या हो गया है /तुम बात -बात पर झगड़ा किया करती हो /तुम स्वयं जानती हो ,की मै तुमसे प्यार करता हूँ /अब तुम्हारे घर वालो को मेरे आने -जाने से कोई एतराज नहीं /
तुम यहाँ रोज -रोज मत आया करो /
रोहित का गुस्सा बढ़ जाता है ,वह पास रखे हुए मेज पर ;लात मारकर चला जाता है /
नीता को रोहित के जाने का कोई गम नहीं है /वह घर की लाइट को बुझा देती है /अब कोई शोर कमरे में प्रविष्ट नहीं हो रहा क्योंकि गली के बच्चें घर में टी.वी देखने में व्यस्त हो गए है /नीता अपने ख्यालों में डूबती चली जाती है /मेरे लिए अभी तक नास्ता तैयार नहीं हुआ ?मम्मी मेरे लिए अभी तक नाश्ता नहीं तैयार किया /
बेटी ये पैसे लो केंटीन से खा लेना माँ 30 रुपए निकाल कर देती है /
नीता ऑटो में बैठने के लिए जाती है ,पीछे से कई लड़को की आवाजें आती है 
पहला -क्या माल है यार 
दूसरा -अपने अनुभवी अन्दाज में ,तुम इसे जानते नहीं इसने कितनों को फसा रखा है /
तीसरा -मुझे भी एक बढ़ाले तेरा क्या हो जायेगा 
इतने में ऑटो वाला आ जाता है और वह चली जाती है 
सोनी हाय नीता आज बहुत सुन्दर लग रही हो ,किसी के साथ डेट पर जाना है 
फरवरी का महीना ही ऐसा होता है ,जिसमें न चाहो तो भी कुछ एहसास छोड़ जाता है 
एहसास मुझे तो कोई एहसास नहीं होता नीता ने कहा /
चल क्लास शुरू होने वाली है 
तू जा मैं तो रोशन के साथ डेट पर जा रही हूँ /वह बाहर बाइक लेकर खड़ा है /ओके बाय नीता 
नीता कल क्लॉस में क्या पढ़ाया गया था /
सविधान निर्माण ,त्रिभुज ,टेंस और अध्यापिका नहीं आई थी 
तुम कहा गई थी ?
कुछ काम था घर पर /इसलिए नहीं आ सकी /
सभी अध्यापिका बारी -बारी और पढ़ने के लिए कहकर अपनी नीद पूरी करती /अंतिम पीरियड हिंदी का था मेम ने रस पढ़ाया ,शृंगार रस से काफी लड़किया प्रभावित और रोमांचित दिख रही थी /क्लॉस की छुट्टी होने के बाद लड़कियों में इस रस के बारे में अधिक चर्चा थी /सभी इस रस को पहचानने लगे थे वे बच्चे खासतौर पर जो पढ़ाई पर थोड़ा भी ध्यान नहीं देती /लेकिन इस रस का बातों से आनंद ले रही थी /नीता कुछ दूर अपने साथियों के साथ आयी ,अब वह अकेले ही अपने घर की दूरियाँ नाप रही थी की रोहित फिर से उसके पीछे चला आया /यह रोज -रोज उसका पीछा करना नीता को समझ आ रहा था /वह जानती थी की वह उसके प्यार में लट्टू है /उसने 8 वी में किशोरावस्था पढ़ा था ओर अपने सहेलियों के पास इसी प्यार के कारण ,फोन ओर पैसे रहते थे /उनके पास नए कपड़ो की भरमार भी थी /नीता ने भी फैसला कर लिया की इसके रोज -रोज पीछा करने निजात पा जाय /वह मुड़ी ,,क्यों मेरा पीछा रोज -रोज करते हो /
रोहित ने अपने हाथ में लिया हुआ मोबाइल उसे देते हुए कहा रात में 10 बजे फोन करूँगा /घर पर आकार नीता उदास बैठ गई वह क्या करे?रोहित 25 साल का का नौजवान ओर ये 15 साल की किशोरा /उसने निश्चय किया की वह रात को जो कुछ भी कहेगा ,वह उसका नकरात्मक उत्तर देगी /उसे उसके मोबइल को वापस ले जाने के लिए भी कहेगी /
माँ -पिताजी के काम पर चले जाने के बाद उसकी बड़ी बहन मीना बच्चों को टूशन पढ़ाने में व्यस्त रहती ,भाई को अपनी पढ़ाई से मतलब था /घर में अकेले यही सोचती रही की रात में ,मैं क्या उत्तर दूंगी 
10 बजे मोबाइल कम्पन करने लगा और नीता छत के कोने में ले जाकर बात करती है /
मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करूँगा बस तुम मेरी हो जाओ /कल हम फिल्म देखने चलेंगे /
मगर कल मेरा स्कूल है 
एक दिन स्कूल नहीं जाओगी तो ,क्या हो जायगा /कल तुम मुझे बस स्टैण्ड पर मिल जाना /रोहित फोन रख देता है /
नीता सोचने लगती है /मैने क्या सोचा था ओर क्या कह दिया अच्छा चलो पहले कल फिल्म देख आते है /
रोहित सुबह बस स्टैण्ड से लेकर चला जाता है /फिल्म बड़ी ही रोमांटिक होती है /जिसमे रोहित भी रोमांचित होकर उसे कस कर पकड़ लेता है /नीता तो पहले घबड़ा जाती है लेकिन फिर वह उसका प्रतिवाद नहीं करती /

अगले दिन भी रोहित उसे बस स्टॉप पर मिल जाता है /नीता उसके साथ जाती है /

मैं रोज तुम्हें साथ स्कूल नहीं ले जा सकता क्योंकि मेरा काम ही ऐसा है की में तुमसे इस समय मिल सकूँ /
ठीक है 

बाजार ,किसी अवसर पर घूमने ले जाना और घर पर किसी को पता न चलना इतने कड़े रूटीन के साथ नीता घूमती थी /वह इसमें सफल भी रही /आज 4 साल हो गए नीता ने 12 वी पास कर लिया /रोहित ने उसके पास होने पर पार्टी भी की थी /नीता भी खुश थी लेकिन आगे भविष्य के बारे में भी सोचना था /

रोहित मैं इंग्लिश ऑनर्स करना चाहती हूँ /
मेरा नाम कॉलेज के इन्ट्रेन्स में आ गया है /ठीक है 

हाय नीता हमारी क्लॉस 201 में लग रही है /चलोगी नहीं /

क्लॉस लग रही है तो कैसे जायँगे ?यार तुम हमेशा अपनी स्कूल वाली सोच ही रखोगी /यहाँ पर क्लॉस में कभी भी जा सकते है ,लेकिन शांति से 
हम कौन सा ढोल बजाते हुए जा रहे है /
क्लॉस के सबसे पीछे वाली सीट पर दोनों जाकर बैठ जाती है /सर के जाने के बाद एक लड़का उसके पास जाकर कहता है आप इसी क्लॉस में हो 
नहीं में इस क्लॉस में नहीं हू यहाँ डांस करने आई हूँ /
तो करो यहाँ दर्शकों की कमी नहीं /
नीता ने उस लड़के का मजाक बनाने के चक्कर में खुद का मजाक बना लिया /लेकिन लड़के से वह प्रभावित थी ऐसे ही बेधड़क आकर बोलना ,रोहित तो ऐसा नहीं है वह तो कई महीने मेरे पीछे ही घूमता रहा /अंत में मुझे ही बोलना पड़ा /उम्र में भी 19 साल के लगभग सुन्दर साँवला होते हुए भी नक्से की ऐसी बनावट बहुत ही प्रभावशाली है /
ओ तुम्हारे डांस करने के लिए स्टेज नहीं लगने वाला /
हो गया बस और इस बात को खेचना है /मेरा नाम नीता है /
मैं करणवीर लेकिन सब मुझे करण ही कहते है 
क्लॉस से निकलने के बाद नीता को रोहित गेट पर ही मिल गया /कैसा गया कॉलेज का दिन ?
मस्त 
क्लॉस में एक महीने बीतने पर कई बच्चों ने मिलकर घूमने की योजना बनाई /नीता को भी लगा की मुझे जाना चाहिए /घर के लोगों के आपस में ही व्यस्त रहने के कारण वह सिर्फ कहीं घूमने रोहित के साथ ही गई थी /उसमें भी उसे एक डर समाया रहता था,कोई मुझे देख न ले /अगर कोई मुझे देख लेगा तो घर का बवाल अलग /लेकिन स्वत्नंत्र घूमने की इच्छा से उसने भी इसमें हा मिला दी? /
घूमने के दिन उसने मम्मी को बताया की /मैं आज थोड़ी देर से आउंगी /मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने जा रही हूँ /
रोहित इस बात से काफी नाराज था /मैं तुम्हें हमेशा घुमाता ही रहता हूँ /
मैंने तुम्हें बता दिया मुझे तुम्हारे इजाजत की जरुरत नहीं /
इतना क्यों गुस्सा करती हो ?ठीक है मैं तुम्हें शाम को लेने आ जाऊंगा /
ठीक है 
दिन भर घूमने में करण नीता के साथ रहा उसके साथ रहने के अहसास में नीता खो जाती /कभी उसे यह अहसास होता की उसने अपनी जिंदगी में जल्दबाजी नहीं कर दी ?या आज भी कुछ करना जल्दबाजी में आएगा या आज मैं इस काबिल हो गई हूँ ?इस मानसिक पीड़ा से वह लड़ रही थी /तभी करण की आवाज आई /वह लड़का तुम्हें बुला रहा है क्या तुम उसे जानती हो ?हा वह मेरा पुराना दोस्त है /
अभी तो काफी समय है ,थोड़ा और घूम लो /
नहीं अभी नहीं मुझे देर हो रही है /
ओके बाय 
बाय 
नीता ने करण के चेहरे पर ध्यान से देखा अन्य बच्चों की तुलना में रोहित का कुछ उदास लग रहा था /वह उदासी भी नीता को अच्छी लग रही थी /रोहित घर तक नीता को छोड़ने गया /
मम्मी ये मेरा दोस्त है -रोहित 
आओ बेटा चाय पी कर जाना /
नहीं मुझे अभी काम है ,फिर कभी आऊंगा /
नीता ये तो उम्र में काफी बड़ा लग रहा है /ऐसे बच्चे भी तुम्हारे साथ पढ़ते है ?
नहीं माँ ,यह तो पढ़कर काम भी करने लगा है यह कॉलसेंटर में मैनेजर है /
अच्छा लड़का है /माँ ने कहा /
नीता को इस अच्छे का मतलब तब समझ में आया जब दीदी की शादी तय होने के बाद माँ ने कहा तेरी भी शादी करा देती हूँ /वैसे भी रोहित अच्छा लड़का है ,काम भी अच्छा करता है /
माँ मैं अभी शादी नहीं करना चाहती /
ठीक है ,अभी तेरी बहन की शादी हो जाए /उसके बाद बात करेंगे /
अब रोहित का आना जाना हमेशा लगा रहता है /क्योंकि मुझसे अधिक घरवालों को उससे लगाव हो गया है मेरी नजर मैं वह पहले वाला रोहित क्यों नहीं रहा /मैं उससे नफरत करने लगी हूँ तभी तो आज उससे कहा की तुम हमेशा यहाँ पर क्यो आ जाते हो ?
घण्टी की आवाज सुनकर नीता अपनी स्मृतियों से बाहर आती है /लाइट जलाकर दरवाजा खोलती है /
बेटा आज बोहोत थक गए है /पहले शादी के लिए लड़का ढूढ़ने में थके ,अब उनकी शादी करने में अलग थकावट। 





समाप्त 

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