अकाल दर्शन -धूमिल 

भूख कौन उपजाता है ;
वह इरादा जो तरह देता है 
या वह घृणा जो आँखों पर पट्टी बाँधकर 
हमें घास की सट्टी में छोड़ आती है ?

उस चालक आदमी ने मेरी बात का उत्तर 
नहीं दिया। 
उसने गलियों और सड़कों और घरों में 
बाढ़ की तरह फैले हुए बच्चों की ओर इशारा किया 
और हँसने लगा। 

मैंने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा -
'बच्चे तो बेकारी के दिनों की बरकत है '
इससे वे भी सहमत है 
जो हमारी हालत पर तरस खाकर ,खाने के लिए 
रसद देते है। 
उनका कहना है की बच्चे 
हमें बसंत बुनते में मदद देते हैं। 

लेकिन यही वे भूलते है 
दरसअल ,पेड़ो पर बच्चे नहीं 
हमारे अपराध फूलते हैं 
मगर उस चालाक आदमी ने मेरी किसी बात का उत्तर 
नहीं दिया और हँसता रहा -हँसता रहा -हँसता रहा 
फिर जल्दी से हाथ छुड़ाकर 
'जनता के हित में 'स्थानान्तरित 
हो गया। 

मैंने खुद को समझाया -यार। 
उस जगह खाली हाथ जाने से इस तरह 
क्यों झिझकते हो ?
क्या तुम्हें किसी का सामना करना है ?

तुम वहाँ कुआँ झाँकते आदमी की 
सिर्फ पीठ देख सकते हो। 

और सहसा मैंने पाया की मैं खुद अपने सवालों के 
सामने खड़ा हूँ और 
उस मुहावरे को समझ गया हूँ 
जो आजादी और गाँधी के नाम पर चल रहा है 
जिसने न भूख मिट रही है ,न मौसम 
बदल रहा है। 
जलसों -जुलूसों में भीड़ की  ईमानदारी से 
हिस्सा ले रहे है और 
अकाल को सोहर की तरह गा रहे है। 
झुलसे हुए चेहरों पर कोई चेतावनी नहीं है। 
मैंने जब भी उसने कहा है देश शासन और राशन  ... 
उन्होंने मुझे टोक दिया है। 
अक्सर ,वे मुझे अपराध के असली मुकाम पर 
अँगुली रखने से मना करते हैं। 
जिनका आधे से ज्यादा शरीर 
भेड़ियों ने खा लिया है 
वे इस जंगल की सराहना करते है -
भारतवर्ष नदियों का देश है। 

बेशक , यह ख्याल ही उनका ही उनका हत्यारा है। 
यह दूसरी बात है की इस बार 
उन्हें पानी ने मारा है। 

मगर वे हैं की असलियत नहीं समझते। 
अनाज में छिपे 'उस आदमी 'की नियत 
नहीं समझते 

जो पुरे समुदाय से 
अपनी ग़िज़ा वसूल करता है -
कभी 'गाय ' से 
और कभी 'हाय ' से 

'यह सब कैसे होता है ' मैं उन्हें समझाता हूँ 
मैं उन्हें समझाता हूँ -
वह कौन -सा प्रजातान्त्रिक नुस्खा है 
कि जिस उम्र में 
मेरी माँ का चेहरा 
झुर्रियों की झोली बन गया है गया है 
उसी उम्र की मेरे पड़ोस  की महिला 

रोटी और संसद -धूमिल

रोटी और संसद -धूमिल 


एक आदमी 
रोटी बेलता है 
एक आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा  आदमी भी है 
जो न रोटी बेलता है , न रोटी खाता है। 
वह सिर्फ रोटी से खेलता है 
मैं पूछता हूँ -
यह तीसरा आदमी कौन है ?
मेरे देश की संसद मौन है। 

नक्सलबाड़ी -धूमिल

नक्सलबाड़ी -धूमिल 



'सहमति  .... 
नहीं ,यह समकालीन शब्द नहीं है 
इसे बालिगों के बीच चालू मत करो'
-जंगल से जिरह करने के बाद 
उसके साथियो ने उसे समझाया की भूख 
का इलाज नीद के पास है। 
मगर इस बात से वह सहमत नहीं था 
विरोध के लिए सही शब्द टटोलते हुए 
उसने पाया की वह अपनी जुबान 
सहवाइन की जांघ पर भूल आया है ,
फिर भी हकलाते हुए उसने कहा -
'मुझे अपनी कविताओं के लिए 
दूसरे प्रजातंत्र की तलाश है '
सहसा तुम कहोगे फिर एक दिन -
पेट के इशारे पर 
प्रजातंत्र से बाहर आकर 
वाजिब गुस्से के साथ अपने चेहरे से 
कूदोगे 
और अपने ही घूँस पर 
गिर पड़ोगे। 

क्या मैंने गलत कहा ?आख़िरकार 
इस खाली पेट के सिवा 
तुम्हारे पास वह कौन -सी सुरक्षित  
जगह है ,जहाँ खड़े होकर 
तुम अपने दाहिने हाथ की
साजिश के खिलाफ लड़ोगे ?

यह एक खुला हुआ सच है की आदमी 
दाये हाथ की नैतिकता से 
इस कदर मजबूर होता है 
की तमाम उम्र गुजर जाती है मगर गाँड़ 
सिर्फ ,बाया हाथ धोता है। 

हवा भी बुझ चुकी है सारे इश्तहार  लिये गये हैं 
जिनमे कल आदमी -
अकाल था। वक्त के 
फालतू हिस्सों में 
छोड़ी गयी पालतू कहानियाँ 
देश -प्रेम के हिज्जे भूल चुकी है ,
और वह सड़क -
समझौता बन गयी है 
जिस पर खड़े होकर 
कल तुमने संसद को 
बाहर आने के लिए आवाज दी थी 
नहीं ,अब वहाँ कोई नहीं है 
मतलब की इबारत से होकर 
सब के सब व्यवस्था के पक्ष में 
चले गये  है। लेखपाल की 
भाषा एक लम्बे सुनसान में 
जहाँ पालो और बंजर का फर्क 
मिट चुका है चन्द खेत 
हथकड़ी पहने खड़े है। 

और विपक्ष में -
सिर्फ कविता है। 
सिर्फ हज्जाम की खुली हुई किस्मत में एक उस्तरा -
चमक रहा है। 
सिर्फ भंगी का एक झाड़ू हिल रहा है 
नागरिकता का हक हलाल करते हुई 
गंदगी के खिलाफ। 

और तुम हो ,विपक्ष में 
बेकारी और नीद से परेशान। 

और एक जंगल है -
 मतदान के बाद खून में अँधेरा 
पछींटता हुआ। 
(जंगल मुखबिर है )

उसकी आँखों में 
चमकता हुआ भाईचारा 
किसी भी रोज तुम्हारे चेहरे की हरियाली को ,
बेमुरव्वत ,चाट सकता है। 

खबरदार !
उसने तुम्हारे परिवार को 
नफरत के उस मुकाम पर ला खड़ा किया हे 
की कल तुम्हारा सबसे छोटा लड़का भी 
तुम्हारे पडोसी का गला 
अचानक ,
अपनी स्लेट से काट सकता है। 
क्या मैंने गलत कहा ?

आख़िरकार   ... आख़िरकार  ... 

कालिदास -नागार्जुन

कालिदास -नागार्जुन 


कालिदास ,सच सच बतलाना
इंदुमती के मृत्युशोक से 
अज रोया या तुम रोये थे ?
कालिदास ,सच -सच बतलाना। 

शिवजी की तीसरी आँख से 
निकली हुई महाज्वाला में 
घृतमिश्रित सूखी समिधा -सम 
कामदेव जब भस्म हो गया रति का क्रंदन सुन आँसू से 
तुमने ही तो दृग धोये थे ?
कालिदास ,सच- सच बतलाना 
रति रोइ या तुम रोये थे ?

वर्षा ऋतु की स्निग्ध भूमिका 
प्रथम दिवस आषाढ़ मास का 
देख गगन में श्याम घन  घटा 
विधुर यक्ष का मन जब उचटा 
खड़े -खड़े तब हाथ जोड़कर 
चित्रकूट से सुभग शिखर पर 
उस बेचारे ने भेजा था 

जिनके ही द्वारा संदेशा 
उन पुष्करावर्त मेघों का 
साथी बनकर उड़नेवाले 
कालिदास ,सच -सच बतलाना 
परपीड़ा से पुर -पुर हो 
थक -थक कर औ चूर -चूर हो 
अमल -धवल गिरी के शिखरों पर 
प्रियवर ,तुम कब तक सोये थे ?
रोया  यक्ष की तुम रोये थे ?
कालिदास सच -सच बतलाना। 

बादल को घिरते देखा है -नागार्जुन 


अमल धवल गिरी के शिखरों पर 
बादल को घिरते देखा है। 
छोटे -छोटे मोती जैसे 
उसके शीतल तुहिन कणों को ,
मानसरोवर के उन स्वर्णिम 
कमलों पर गिरते देखा है ,
बादलों को घिरते देखा है। 

तुंग हिमालय के कंधो पर 
छोटी बड़ी कई झीले है ,
उनके श्यामल निल सलिल में 
समतल देशों से आ -आकर 
पावस की उमस से आकुल 
तिक्त -मधुर बिसतंतु खोजते 
हंसों को तिरते देखा है। 

बादल को घिरते देखा है। 

अकाल और उसके बाद -नागार्जुन

अकाल और उसके बाद -नागार्जुन

 

कई दिनों तक चूल्हा रोया ,चक्की रही उदास 
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास 
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त 
कई दिनों तक चूहों को भी हालत रही शिकस्त 


दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद 
धुँआ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद 
चमक उठी घर भर की आँखे कई दिनों के बाद 
कौए ने खुजलाई  पाँखे कई दिनों के बाद 

खुरदरे पैर -नागार्जुन

खुरदरे पैर -नागार्जुन 


खूब गए 
दूधिया निगाहों में 
फटी बिवाइयों वाले खुरदरे पैर 

धँस गए 
कुसुम -कोमल मन में 
गुट्ठल  घट्ठोंवाली  कुलिश -कठोर पैर 

दे रहे थे गति 
रबड़ -विहीन ठूँठ पैडलों को 
चला रहे थे 
एक नहीं ,दो नहीं ,तीन तीन चक्र 
कर रहे थे मात त्रिविक्रम वामन के पुराने पैरों को 
नाप रहे थे धरती का अनहद फासला 
घंटो के हिसाब से ढोए जा रहे थे। 

देर तक टकराए 
उस दिन इस आँखों से वे पैर 
भूल नहीं पाउँगा फटी बिवाइयाँ 
खुब गई दूधिया निगाहों में 
धँस गई कुसुम -कोमल मन में 

शासन की बंदूक

शासन की बंदूक -नागार्जुन 


खड़ी हो गई चाँपकर  कंकालों की हूक 
नभ में विपुल विराट -सी शासन की बंदूक 

उस हिटलरी गुमान पर सभी रहे है थूक 
जिसमें कानी हो गई शासन की बंदूक 

बढ़ी अधीरता दस गुनी ,बने विनोबा मूक 
धन्य -धन्य वह ,धन्य वह शाशन की बंदूक 

सत्य स्वयं घायल हुआ ,गई अहिंसा चूक 
जहाँ -तहाँ दागने लगी शासन की बंदूक 

जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कुक
बाल   न बाँका कर सकी शासन की बन्दूक 

जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कूक 
बल न बाका कर सकी शासन की बंदूक। 

यह मंदिर का दीप इसे नीरव जलने दो -महादेवी वर्मा

यह मंदिर का दीप इसे नीरव जलने दो -महादेवी वर्मा 

यह मंदिर का दीप इसे नीरव जलने दो -महादेवी वर्मा 

रजत शंख -घड़ियाल स्वर्ण वंशी -विणा -स्वर ,
गये आरती वेला को शत -शत लय से भर ,

जब कल था कंठों का मेला ,
विहँसे उपर तिमिर था खेला ,
अब मंदिर में इष्ट अकेला ,

इसे अजिर का शून्य गलाने को गलने दो। 

चरणों से चिह्नित अलिंद की भूमि सुनहली ,
प्रणत शिरो का नक् शिरों अंक लिए चन्दन की दहली ,

झरे सुमन बिखरे अक्षत सित ,
धूप -अर्ध्य -नैवेद्य अपरमित ,
तम में सब होंगे अंतर्निहित ,

सबकी अर्चित कथा इसी लौ में पलने दो। 

पल के मनके फेर पुजारी विश्व सो गया ,
प्रतिध्वनि का इतिहास प्रस्तरों बीच खो गया ,

साँसों की समाधी सा जीवन ,
मसि -सागर का पंथ गया बन ,
रुका मुखर कण -कण का स्पंदन '

इस ज्वाला में प्राण -रूप फिर से ढलने दो। 

झंझा है दिग्भ्रान्त रात की मूर्छा गहरी ,
आज पुजारी बने ,ज्योति का यह लघु प्रहरी ,

जब तक लौटे  दिन की हलचल ,
तब तक यह जायेगा प्रतिपल ,
रेखाओं में भर आभा -जल ,
दूत साँझ का इसे प्रभाती तक चलने दो। 

फिर विकल है प्राण मेरे -महादेवी वर्मा

फिर विकल है प्राण मेरे -महादेवी वर्मा 


फिर विकल है प्राण मेरे -महादेवी वर्मा 
तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख लूँ उस ओर क्या है!
जा रहा जिस पंथ से युग कल्प उसका छोर क्या है ?
क्यों मुझे प्राचीर बनकर 
आज मेरे श्वास घेरे। 

सिंधु की निःसीमता पर लघु लहर का लाल कैसा ?
दीप लघु शिर पर धरे आलोक का आकाश कैसा ?
दे रही मेरी चिरन्तनता 
क्षणों के साथ फेरे। 

बिंबग्राहकता कणों को शलभ को चिर साधना दी ,
पुलक से नभ -नभ धरा को कल्पनामय वेदना दी ,
मत कहो हे विश्व झूठे ,
तू अतल वरदान तेरे। 

नभ डुबा पाया न अपनी बाढ़ में भी क्षुद्र तारे ,
ढूँढ़ने करुणा मृदुल घन चीर कर तूफान हारे ,
अंत के तम में बुझे क्यों 
आदि के अरमान मेरे। 

मैं नीर भरी दुख की बदली -महादेवी वर्मा

मैं नीर भरी दुख की बदली -महादेवी वर्मा 



मैं नीर भरी दुःख की बदली 

स्पंदन में चिर निस्पंद बसा ,
क्रंदन में आहत विश्व हँसा ,

नयनों में दीपक जलते 
पलकों में निर्झरणी मचली। 

मेरा पग पग संगीत भरा ,
श्वासों से स्वप्न -पराग झरा ,

नभ के नव रँग बुनते दुकूल ,
छाया में मलय -बयार पली। 

मैं क्षितिज -भृकुटि पर घिर धूमिल 
चिंता का भार बनी अविरल ,

रज -कण पर जल -कण हो बरसी ,
नवजीवन -अंकुर बन निकली। 

पथ को न मलिन करता आना ,
पद -चिह्न न दे जाता जाना ,

सुधि मेरे आगम की जग में ,
सुख की सिहरन अंत खिली। 

विस्तृत नभ का कोई कोना ,
मेरा न कभी अपना होना ,

परिचय इतना इतिहास यही ,
उमड़ी कल थी मिट आज चली। 


बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ -महादेवी वर्मा

बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ -महादेवी वर्मा 


बिन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ 
नीद थी मेरी अंचल निस्पंद कण -कण में ,
प्रथम जागृति थी जगत के प्रथम स्पंदन में ,
प्रलय में मेरा पता पदचिह्न जीवन में ,
शाप हूँ जो बन गया वरदान बंधन में ,
कूल भी हूँ कुलप्रवाहिनी भी हूँ। 

नयन में जिसके जलद वह तृषाक चातक हूँ ,
शलभ जिसके प्राण में वह निठुर दीपक हूँ ,
फूल को उस में छिपाये विकल बुलबुल हूँ ,
एक होकर दूर तन से छाँह वह चल हूँ ,
दूर तुमसे हूँ अखण्ड सुहागिनी भी हूँ। 

आग हूँ जिसके ढुलकते बिंदु हिमजल के ,
शून्य हूँ जिसके बिछे है पाँवडे पल के ,
पुलक हूँ वह जो पला है ,कठिन प्रस्तर में ,
हूँ वही प्रतिबिम्ब जो आधार के उर में ,
नील धन भी हूँ सुनहली दामिनी भी हूँ 

भक्तिकाल

भक्तिकाल 

DEVKANT SINGH
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BLOG-mukandpr.blogspot.com 

प्रश्न 1 -'रास पंचाध्यायी'  के रचयिता है ?
  1. रसखान 
  2. नरोत्तम दास 
  3. नंददास 
  4. सूरदास 
प्रश्न 2 -'कृष्णगीतावली' किसकी रचना है ?
  1. नंददास 
  2. तुलसीदास 
  3. परमानन्द दास 
  4. सूरदास 
प्रश्न 3 -निम्नलिखित में से कौन -सा ग्रन्थ अवधी भाषा में नहीं है ?
  1. मृगावती 
  2. रामचरित मानस 
  3. पद्मावत 
  4. विनय पत्रिका 
प्रश्न 4 -'राधाबल्लभ सम्प्रदाय' के प्रवर्तक है ?
  1. रामानंद 
  2. निम्बार्क 
  3. नामदेव 
  4. हितहरिवंश 
प्रश्न 5 -कबीर की भाषा को 'पंचमेल खिचड़ी' किसने  कहा है ?
  1. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  2. पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल 
  3. श्यामसुंदर दास 
  4. रामकुमार वर्मा 
प्रश्न 6 -'मधुमालती' के रचयिता है ?
  1. मंझन 
  2. मुल्ला दाऊद 
  3. कुतुबन 
  4. मुल्ला वजही 
प्रश्न 7 - 'प्रेमवाटिका' किस कवि की रचना है ?
  1. रसखान 
  2. हरिऔध 
  3. रहीम 
  4. बोधा 
प्रश्न 8 -'ज्ञानबोध' के रचनाकार है ?
  1. सुंदरदास 
  2. पीपा 
  3. रज्जब 
  4. मलूकदास 
प्रश्न 9 -मुल्ला दाऊद द्वारा रचित प्रेमाख्यान परम्परा का काव्य का नाम है ?
  1. मधुमालती 
  2. चित्रावली 
  3. ढोला मारु रा दूहा 
  4. चंदायन 
प्रश्न 10 -इस संप्रदाय में कृष्ण के वाममार्ग में सुशोभित राधा के साथ कृष्ण की उपासना का विधान है ?
  1. गौड़ीय संप्रदाय 
  2. हरिदासी सम्प्रदाय 
  3. निम्बार्क संप्रदाय 
  4. राधाबल्लभ -सम्प्रदाय 
प्रश्न 11 -पद्मावती में जायसी ने हिरामन तोते के रूप में इसका संकेत किया है /
  1. राज्य 
  2. परमात्मा 
  3.  आत्मा 
  4. गुरु 
प्रश्न 12 -तंत्र न जानू ,मंत्र न जानू ,जानू सुंदर काया -यह किसका कथन है ?
  1. रैदास 
  2. दादू दयाल 
  3. कबीर 
  4. संत रज्जब 
प्रश्न 13 -आचार्य रामचंद्र शुक्ल इनको प्रेमाख्यान  परम्परा के प्रथम कवि मानते है -
  1. ईश्वरदास 
  2. मुल्ला दाऊद 
  3. दामोदर कवि 
  4. कुतुबन 
प्रश्न 14 -'सिद्धांत पंचाध्यायी' के लेखक है -
  1. परमानन्द दास 
  2. कुम्भनदास 
  3. कृष्णदास 
  4. नंददास 
प्रश्न 15 -रसखान की यह प्रसिद्ध रचना है -
  1. भक्ति प्रताप 
  2. सूरसागर 
  3. प्रेमबारहखड़ी
  4. प्रेमवाटिका 
प्रश्न 16 -रूपमंजरी की रचना किसने की ?
  1. नंददास 
  2. नाभादास 
  3. नरोत्तमदास 
  4. परमानंददास 
प्रश्न 17 -'पुष्टिमार्ग का जहाज' किसे कहा जाता है ?
  1. बिट्ठलनाथ 
  2. बल्लभाचार्य 
  3. सूरदास 
  4. कबीरदास 
प्रश्न 18 -बूझत श्याम कौन तू गोरी ? कहा रहती काकी है बेटी ?देखि नहीं कबहूँ व्रजखोरी  -यह पंक्ति किस भक्त कवि की है ?
  1. कृष्णदास 
  2. धनपाल 
  3. सूरदास 
  4. कुम्भनदास 
प्रश्न 19 -सूरदास को 'पुष्टि मार्ग का जहाज' किसने कहा है ?
  1. बल्लभाचार्य 
  2. हितहरिवंश 
  3. गोकुलनाथ 
  4. बिट्ठलनाथ 
प्रश्न 20 -भक्तिकाल की भारतीय चिंतन धारा का स्वाभाविक विकास किसने  है -
  1. श्यामसुन्दर दास 
  2. रामकुमार वर्मा 
  3. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  4. रामचंद्र शुक्ल 
प्रश्न 21 -निम्नलिखित में से कौन कृष्ण भक्ति काव्य का कवि नहीं है ? 
  1. सूरदास 
  2. नंददास 
  3. कृष्णदास 
  4. सुन्दरदास 
प्रश्न 22 -तुलसी की भक्ति किस प्रकार की है ?
  1. साख्य 
  2. माधुर्य 
  3. दास्य 
  4. वात्सल्य 
प्रश्न 23 -किस कवि की रचनाओं में भावनात्मक रहस्यवाद की अभिव्यक्ति सर्वाधिक हुई है ?
  1. जायसी 
  2. तुलसीदास 
  3. अग्रदास 
  4. माखनलाल चतुर्वेदी 
प्रश्न 24 -इनमे से कौन सी रचना अग्रदास की नहीं है ?
  1. मान मंजरी 
  2. दानलीला 
  3. अनेकार्थ मंजरी 
  4. रूप मंजरी 
प्रश्न 25 -गौड़ीय सम्प्रदाय '  के प्रवर्तक है ?
  1. हितहरिवंश 
  2. चैतन्य देव 
  3. निम्बार्काचार्य 
  4. बल्लभाचार्य 
प्रश्न 26 -" बिजली की चमक के समान अचानक" भक्तिकाल के लिए यह टिप्पणी  निम्न में से किसने की ?
  1. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  2. ताराचन्द 
  3. जॉर्ज ग्रियर्सन 
  4. रामचंद्र शुक्ल 
प्रश्न 27 - निम्न में से कौन भक्तमाल (नाभादास) में सम्मिलित नहीं है ?         
  1. मीराबाई 
  2. नानकदेव 
  3. सूरदास 
  4. नंददास 
प्रश्न 28 -निम्न में से सुमेलित है ?
  1. कृष्णदास -विरहमंजरी 
  2. सूरदास -परमानन्द सागर 
  3. नंददास -भंवरगीत 
  4. परमानंददास -बल्लभ दिग्विजय 
प्रश्न 29 -जॉर्ज ग्रियर्सन ने बुद्धदेव के बाद भारत का सबसे बड़ा लोकनायक किसे माना है ?
  1. सूरदास 
  2. कबीर 
  3. तुलसीदास 
  4. जायसी 
प्रश्न 30 -जायसी कृत पद्मावत के आरम्भ में तत्कालीन किस शासक का वर्णन है ?
  1. शाहजहाँ 
  2. शेरशाह 
  3. जहाँगीर 
  4. सिकंदर लोदी 
प्रश्न 31 -निम्न में से रामकाव्य से संबंधित नहीं है ?
  1. मलूकदास 
  2. अग्रदास 
  3. ईश्वरदास 
  4. तुलसीदास 
प्रश्न 32 -निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?

  1. दादू , मलूकदास , नानक , सुन्दरदास 
  2. नानक ,दादू , मलूकदास ,सुन्दरदास 
  3. मलूकदास ,दादू , सुन्दरदास , नानक 
  4. नानक ,सुन्दरदास , दादू , मलूकदास 
प्रश्न 33 -निम्नलिखित में से कौन -सा कवि कृष्णभक्ति धारा के कवियों में शामिल नहीं है ?
  1. नाभादास 
  2. नंददास 
  3. हरिदास 
  4. ध्रुवदास 
प्रश्न 34 -निम्नलिखित में से कौन -सी रचना अग्रदास की नहीं है ?
  1. ध्यान मंजरी 
  2. कुंडलिया 
  3. रामध्यान मंजरी 
  4. रूप मंजरी 
प्रश्न 35 -निम्नलिखित को क्रम से लगाओ ?
  1. जायसी ,सूरदास ,तुलसीदास ,रहीम 
  2. सूरदास ,तुलसी ,जायसी ,रहीम 
  3. सूरदास ,जायसी ,तुलसी रहीम 
  4. जायसी ,तुलसी ,रहीम ,सूरदास 

उत्तरमाला 

  1. 3
  2. 2
  3. 4
  4. 4
  5. 3
  6. 1
  7. 1
  8. 4
  9. 4
  10. 4
  11. 4
  12. 1
  13. 4
  14. 4
  15. 4
  16. 1
  17. 3
  18. 3
  19. 4
  20. 3
  21. 4
  22. 3
  23. 1
  24. 2
  25. 2
  26. 3
  27. 2
  28. 3
  29. 3
  30. 2
  31. 1
  32. 2
  33. 1
  34. 4
  35. 3

आदिकाल

आदिकाल 

प्रश्न 1 -हिंदी साहित्य के आदिकाल को 'आरम्भिक काल' किसने कहा ?
  1. मिश्रबन्धु 
  2. शिवसिंह सेंगर 
  3. ग्रियर्सन 
  4. डॉ नगेन्द्र 
प्रश्न 2 -'हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' ग्रन्थ के लेखक का नाम है ?
  1. रामचंद्र शुक्ल 
  2. रामकुमार वर्मा 
  3. गणपतिचंद्र गुप्त 
  4. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
प्रश्न 3 -'प्रबंध चिंतामणि' के लेखक का नाम है ?
  1. रामसिंह 
  2. धनपाल
  3. मेरुतुंग 
  4. हेमचन्द्र 
प्रश्न 4 -शिलाओं पर लिखा हुआ काव्य है ?
  1. राउलबेल 
  2. उक्तिव्यक्ति प्रकरण 
  3. श्रावकाचार 
  4. वर्णरत्नाकर 
प्रश्न 5 -'गोरखबानी' का संपादन किसने किया ?
  1. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  2. चंद्रधर शर्मा गुलेरी 
  3. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल 
  4. राहुल सांकृत्यायन 
प्रश्न 6 -'दिव्य प्रबंधं' किनका काव्य संकलन है ?
  1. आलवार  
  2. तुकाराम 
  3. एकनाथ 
  4. नामदेव 
प्रश्न 7 -राजमती और अजमेर के चौहान राजा तृतीय के विवाह ,वियोग और पुनर्मिलन की कथा किसमें  कही गई है ?
  1. खुमान रासो 
  2. बीसलदेव रासो 
  3. परमाल रासो 
  4. पृथ्वीराज रासो 
प्रश्न 8 - पृथ्वीचन्द्र चरित्र इनकी रचना है ?
  1. माणिक्यसुंदर सूरी 
  2. चंदरबरदाई 
  3. जयशेखर सूरी 
  4. नरपति नाल्ह 
प्रश्न 9 -इनमे से कौन- सी कृति हरिभद्र सूरी द्वारा रची गयी है ?
  1. नेमिनाथ चौपाई 
  2. पद्मपुराण 
  3. पउमचरिउ 
  4. नेमिनाथ चरिउ 
प्रश्न 10 -'जयमयंक -जसचन्द्रिका' के रचयिता है ?
  1. मधुकर 
  2. भट्ट केदार 
  3. जगनिक 
  4. शालिभद्र शुरी 
प्रश्न 11 -अपभ्रंश की उत्तरकालीन अवस्था का नाम है ?
  1. संस्कृत 
  2. अवहट्ट 
  3. प्राकृत 
  4. पाली 
प्रश्न 12 -'कृतिलता' किसकी कृति है ?
  1. विद्यापति 
  2. मतिराम 
  3. सेनापति 
  4. केशवदास 
प्रश्न 13 -स्वंभू कृत 'पउम चरिउ' की कथा किस से सम्बंधित है ?
  1. कृष्ण कथा 
  2. रामकथा 
  3. बौद्ध कथा 
  4. शक्तिकथा 
प्रश्न 14 -निम्नलिखित में  कौन -सी रचना जैन साहित्य से सम्बंधित नहीं है ?
  1. चंदनबाला रास 
  2. श्रावकाचार 
  3. भरतेश्वर बाहुबली रास 
  4. सन्देश रासक 
प्रश्न 15 -'ढोला मारू रा दुहा' किस क्षेत्र का लोकप्रिय लोकभाषा काव्य रहा है ?
  1. महाराष्ट्र 
  2. उत्तर प्रदेश 
  3. राजस्थान 
  4. गुजरात 
प्रश्न 16 -जयदेव के 'गीत गोविन्द' का विशेष प्रभाव  माना  है ?
  1. विद्यापति 
  2. मीराबाई 
  3. सूरदास 
  4. छीतस्वामी 
प्रश्न 17 -निम्नलिखित में से 'आल्हाखंड'  लोकप्रिय रासोकाव्य  कौन -सा है ?
  1. बीसलदेव रासो 
  2. परमाल रासो 
  3. पृथ्वीराज रासो 
  4. हम्मीर रासो 
प्रश्न  18 -दसवीं से चौदहवी शताब्दी का काल जिसे हिंदी का आदिकाल कहते है ,भाषा की दृष्टि से अपभ्रंश का ही एक बढ़ाव है ?

  1. चंद्रधर शर्मा गुलेरी 
  2. राहुल सांकृत्यायन 
  3. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  4. श्यामसुंदर दास 
प्रश्न 19 -आलवार भक्तों की संख्या कितनी मानी गयी है ?
  1. 14
  2. 11
  3. 10
  4. 12
प्रश्न 20 -'उक्ति -व्यक्ति -प्रकरण' के रचयिता है ?
  1. दामोदर शर्मा 
  2. पाणिनि 
  3. हेमचन्द्र 
  4. विद्यापति 
प्रश्न 21 -"दूहा घणा पुराणा अघई"  पंक्ति निम्न में से किससे  सम्बंधित है ?
  1. राउलबेल 
  2. बीसलदेव रासो 
  3. पृथ्वीराज रासो 
  4. ढोला मारु रा दूहा 
प्रश्न 22 -उत्तर अपभ्रंश ही पुरानी हिंदी है। यह कथन किसका है ?
  1. हजारी प्रसाद द्विवेदी 
  2. चंद्रधर शर्मा गुलेरी 
  3. राहुल सांकृत्यायन 
  4. रामचंद्र शुक्ल 
प्रश्न 23 - निम्न में से नाथ साहित्य से सम्बंधित नहीं है ?
  1. जलंधर 
  2. गोपीचंद 
  3. शालिभद्र सूरी 
  4. गोरखनाथ 
प्रश्न 24 -निम्न में से स्वम्भू की रचना नहीं है ?
  1. रिट्ठणेमि चरिउ 
  2. स्वम्भू छंद 
  3. सन्देश रासक 
  4. पउमचरिउ 
प्रश्न 25 -निम्न में से किस ग्रन्थ की कल्पना प्राकृत पैंगलम में प्राप्त आठ छंदो के आधार पर की जाती है ?
  1. पृथ्वीराज रासो 
  2. परमाल रासो 
  3. बीसलदेव रासो 
  4. हम्मीर रासो 
प्रश्न 26 -'उक्ति -व्यक्ति -प्रकरण' निम्न में से किसके शासनकाल में लिखा गया ?
  1. गोविंदचंद्र 
  2. हर्षवर्धन 
  3. पृथ्वीराज 
  4. विक्रमादित्य 
प्रश्न 27 -निम्न में से सुमेलित नहीं है ?
  1. गोरखनाथ -नाथ साहित्य 
  2. नरपति नाल्ह -जैन साहित्य 
  3. डोम्भिया -सिद्ध साहित्य 
  4. आसगु -जैन साहित्य 
प्रश्न 28 -राहुल सांकृत्यायन ने निम्न में से किसको हिंदी का पहला कवि माना है ?
  1. शालिभद्र सूरी 
  2. सरहपाद 
  3. देवसेन 
  4. पुष्य 
प्रश्न 29 -निम्न में से किसको रामचंद्र शुक्ल ने वीरगाथाकालीन फुटकर रचनाएँ में स्थान दिया है ?
  1. जगनिक 
  2. अमीर खुसरो 
  3. नरपति नाल्ह 
  4. चंदबरदाई 
प्रश्न 30 -रामचंद्र शुक्ल द्वारा वीरगाथाकाल में वर्णित 12 कृतियों में सम्मिलित नहीं है ?
  1. हम्मीर रासो 
  2.  परमाल रासो 
  3. भरतेश्वर बाहुबलिरास 
  4. बीसलदेव रासो 
प्रश्न 31 -निम्न में से सुमेलित नहीं है ?
  1. आदिकाल -हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  2. चारणकाल -मिश्रबन्धु 
  3. वीरकाल -विश्वनाथ प्रसाद मिश्र 
  4. सिद्ध सामंत काल -राहुल सांकृत्यायन 
प्रश्न 32 -विद्यापति को कृष्ण भक्तों की परम्परा में न समझना चाहिए यह कथन निम्न में से  किसका है ?
  1. मुनि जिनविजय 
  2. रामचंद्र शुक्ल 
  3. जार्ज ग्रियर्सन 
  4. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
प्रश्न 33 -जन्मकाल के अनुसार कवियों का सही अनुक्रम है ?
  1. स्वयंभू ,चंदबरदाई ,विद्यापति ,कबीर 
  2. विद्यापति , कबीर , चंदबरदाई ,स्वयंभू 
  3. विद्यापति ,कबीर ,स्वम्भू ,चंदबरदाई 
  4. कबीर ,स्वम्भू , विद्यापति ,चंदबरदाई 
प्रश्न 34 - रचनाकाल की दृष्टि से रासो ग्रंथो का सही अनुक्रम है ?
  1. बीसलदेव रासो ,पृथ्वीराज रासो ,हम्मीर रासो ,खुमान रासो 
  2. पृथ्वीराज रासो ,बीसलदेव रासो ,हम्मीर रासो ,खुमाण रासो 
  3. खुमाण रासो ,बीसलदेव रासो , पृथ्वीराज रासो ,हम्मीर रासो 
  4. हम्मीर रासो ,पृथ्वीराज रासो ,बीसलदेव रासो ,खुमाण रासो 
प्रश्न 35 -डॉ  गणपतिचंद्र गुप्त ने हिंदी का पहला कवि किसे माना है ?
  1. स्वयंभू 
  2. जिनधर्मसूरी 
  3. शालिभद्र सूरी 
  4. पुष्पदंत 

उत्तरमाला 

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 1
  5. 3
  6. 1
  7. 2
  8. 1
  9. 4
  10. 1
  11. 2
  12. 1
  13. 2
  14. 4
  15. 3
  16. 1
  17. 2
  18. 3
  19. 4
  20. 1
  21. 4
  22. 2
  23. 3
  24. 3
  25. 4
  26. 1
  27. 2
  28. 2
  29. 2
  30. 3
  31. 2
  32. 2
  33. 1
  34. 1
  35. 3

वक़्त के नसीब में-कविता

कविता 

शीलू अनुरागी 

blog -mukandpr.blogspot.com

 वक़्त के नसीब में


आज अपने वक़्त पर रो रहा खुद वक़्त है।
वक़्त के नसीब में आया ये कैसा वक़्त है।

न माँ बाप की है चिंता न ही उनका मान है।
एक ही पल में करें उनके कई अपमान है।
मेरा मेरा माँगकर कहते हैं बँटवारा करो।
आते औरत के कहें अब मुझे न्यारा करो।

अपने फूल‌‌-शाखों से अलग हो रहे दरख्त हैं।
वक़्त के नसीब में आया ये कैसा वक़्त है।

ना अपने छोटों से है प्यार न ही शर्म जेठ से।
बस तेरा-मेरा कहते हैं वो, जो जन्मे एक पेट से।
रिश्ते-नाते, भाई-बन्धू ,सब साथ होते थे कभी।
कल सबसे दौलत और अब दौलत से होते हैं सभी।

बहा रहा है आज भाई, भाई का ही रक्त है।
वक़्त के नसीब में आया ये कैसा वक़्त है।

किसी के जीने मरने की, किसी को न परवाह है।
मैं ही मैं है हर तरफ बस मेरे की चाह है।
रगों में सब के हो रहा स्वार्थ का प्रवाह है।
जाने क्यों सबने चुनी ये कूट जीवन राह है

आज के इन्सानी दिल पत्थरों से सख्त हैं।
वक़्त के नसीब में आया ये कैसा वक़्त है।

चलते-फिरते नारियों संग होता दुर्व्यवहार है।
ऐसे में नारी का जीना ज़िंदगी दुष्वार है।
न जानती है आम नारी किसका सुरक्षा नाम है।
रहती है दहशत में सदा चाहे सुबह या शाम है।

भारत माँ की हो रही, लाज आज ध्वस्त है।
वक़्त के नसीब में, आया ये कैसा वक़्त है।

बड़े हैं बहुत भारतीय घर इनके बड़े-बड़े हैं।
लेकिन वो कौन हैं जो सड़कों पर पड़े हैं?
धनी बहुत हैं भारतीय दान देना काम है।
तभी तो यहाँ हर तरफ भिखारी तमाम हैं।

बन रहा उपहास आज, भारत का तो हर वक़्त है।
वक़्त के नसीब में, आया ये कैसा वक़्त है।

चलती कई हैं योजनायें यूँ तो जनहित नाम की।
जनहित का तो पता नहीं पर होती हैं वो नाम की।
भ्रष्ट नेता, कूट नीति और  संग अनावर्ती बोल हैं।
विश्वास का कर-कर के कत्ल, करते कई ये झोल हैं।

देश कि पूँजी करी अब पापियों ने ज़ब्त है।
वक़्त के नसीब में, आया ये कैसा वक़्त है।

छू रहे अब आसमाँ को सब वस्तुओं के दाम हैं।
दुख सह रही प्रजा व राजा कर रहे आराम हैं।
है घूसखोरी हर तरफ पैसों से होता काम है।
रद्दी पड़ी हैं डिगरियाँ इनका ना कोई दाम है।

हर तरह से आम जनता हो रही अब पस्त है।
वक़्त के नसीब में, आया ये कैसा वक़्त है।

बना लिया सरकार ने तो वक़्त को गुलाम है।
ना इसे कोइ फिकर फुरसत से करती काम है।
दयालुओं से भी दयालु सरकार-ए-हिंदुस्तान है।
‘कसाब’ जैसे वहशियों को मानती महमान है।

फांसी की सज़ा पाकर दोषी कैद में ही मस्त हैं।
वक़्त के नसीब में, आया ये कैसा वक़्त है।

संपूर्ण विश्व के समक्ष अब एक ही लाचारी है।
असहाय करती "कोविड-19" की महामारी है।
देश और दुनिया के तो अब बाजार सभी मंद हैं।
ग्रामीण-शहरी,देशी-विदेशी अपने घरों में बंद हैं।

आवागमन भी मौसमों का वक़्त से बेवक़्त है।
वक़्त के नसीब में, आया ये कैसा वक़्त है।

हिंदी साहित्य

हिंदी साहित्य

DEVKANT SINGH

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DELHI UNIVERSITY

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प्रश्न 1-'मुक्तिबोध' किसकी रचना है ?
  1. मुक्तिबोध 
  2. इलाचंद्र जोशी 
  3. शिवप्रसाद सिंह 
  4. जैनेन्द्र 
प्रश्न 2-'स्त्रीत्व का मानचित्र' किसकी रचना है ?
  1. कात्यायनी 
  2. निर्मला जैन 
  3. अनामिका 
  4. क्षमा शर्मा 
प्रश्न 3 -'तिरस्कृत' किस विधा की रचना है ?
  1. कहानी 
  2. आत्मकथा
  3. कविता 
  4. उपन्यास 
प्रश्न 4 -'अन्या से अनन्या' किसकी आत्मकथा है ?
  1. मैत्रेय पुष्पा 
  2. अनामिका 
  3. प्रभा खेतान 
  4. मृणाल पाण्डेय 
प्रश्न 5 -'राजेश जोशी' को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरष्कार मिला था ?
  1. दो पंक्तियों के बीच 
  2. इस नए इलाके में 
  3. खिलाफ हवा के गुजरते हुए 
  4. सूरत निरत
प्रश्न 6 -'मुक्तिबोध की आत्मकथा' किसकी रचना है ?
  1. शरत मुक्तिबोध 
  2. गजानन माधव मुक्तिबोध 
  3. विष्णुचंद्र शर्मा 
  4.  नलिन विलोचन शर्मा 
प्रश्न 7 -'सिंहावलोकन' किसकी आत्मकथा है 
  1. यशपाल 
  2. अज्ञेय 
  3. दिनकर 
  4. हरिवंश राय बच्चन 
प्रश्न 8 -'व्योमकेश दरवेश' किसकी रचना है ?
  1. सत्य प्रकाश मिश्र 
  2. परमानंद श्रीवास्तव 
  3. विश्वनाथ त्रिपाठी 
  4. सुधीर पचौरी 
प्रश्न 9 -'कलम का सिपाही' किसकी रचना है ?
  1. धर्मवीर 
  2. कमल किशोर गोयनका 
  3. रामविलास शर्मा 
  4. अमृतराय 
प्रश्न 10 -'हादसे' किसकी आत्मकथा है ?
  1. सुशीला टाकभौरे 
  2. रमणिका गुप्ता 
  3. सूरजपाल चौहान 
  4. तुलसीराम 
प्रश्न 11 -'आलोचक का स्वदेश' जीवनी किसके जीवन पर आधारित है ?
  1. रामचंद्र शुक्ल 
  2. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  3. नंददुलारे वाजपेयी 
  4. रामधारी सिंह दिनकर 
प्रश्न 12 -काशीनाथ सिंह को  किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरष्कार द्वारा पुरष्कृत किया  गया  ?
  1. काशी का अस्सी 
  2. रेहन पर रग्घू 
  3. महुआ चरित 
  4. अपना मोर्चा 
प्रश्न 13 -'एक कहानी यह भी' किसकी रचना है ?
  1. नूर जहीर 
  2. अनीता राकेश 
  3. मन्नू भंडारी 
  4. प्रभा खेतान 
प्रश्न 14 -'यामा' की रचनाकार है ?
  1. निराला 
  2. सुमित्रानंदन पंत 
  3. महादेवी वर्मा 
  4. जयशंकर प्रसाद 
प्रश्न 15 -2005 का ज्ञानपीठ पुरष्कार किसे मिला ?
  1. मैत्रेय  पुष्पा 
  2. राजेंद्र यादव 
  3. कुंवर नारायण 
  4. प्रभा खेतान 
प्रश्न 16 -प्रथम ज्ञानपीठ पुरष्कार किसे मिला ?
  1. अन्नपूर्णा देवी 
  2. जी.शंकर कुरुप 
  3. सुमित्रानंदन पंत 
  4. उमाशंकर जोशी 
प्रश्न 17 -मैत्रेयी पुष्पा की कृति नहीं है ?
  1. झूलानट 
  2. चाक 
  3. अल्मा कबूतरी 
  4. जिंदगीनामा 
प्रश्न 18 -निम्नलिखित में कौन -सी आत्मकथात्मक कृति नहीं है ?
  1. अपनी खबर 
  2. मणिकर्णिका 
  3. शिकंजे का दर्द 
  4. मधुशाला 
प्रश्न 19 -डॉ. धर्मवीर की इनमे से कौन- सी कृति नहीं है ?
  1. कबीर के आलोचक 
  2. दलित विमर्श की भूमिका 
  3. प्रेमचंद की नीली आँखे 
  4. प्रेमचंद :सामंत का मुंशी 
  प्रश्न 20 -'आलोचक का स्वदेश' जीवनी के रचनाकार कौन है ?
  1. राजेंद्र यादव 
  2. विजयदेव नारायण साही 
  3. विजय बहादुर सिंह 
  4. नंददुलारे वाजपेयी 
प्रश्न 21 -इनमें से कौन दलित साहित्य आलोचक नहीं है ?
  1. धर्मवीर 
  2. कँवल भारती 
  3. तेज सिंह 
  4. शम्भुनाथ 
प्रश्न 22 -कात्यायनी द्वारा रचित पुस्तक है ?
  1. इस पौरुष पूर्ण समय में 
  2. आपहुदरी 
  3. दस द्वारे का पिंजरा 
  4. नगाड़े की तरह बजते शब्द 
प्रश्न 23 -'दस द्वार से सोपान तक' की विधा है ?
  1. आत्मकथा 
  2. जीवनी 
  3. यात्रावृतांत 
  4. रेखाचित्र 
प्रश्न 24 -'कलम के मजदुर' के लेखक है ?
  1. अमृतराय 
  2. मदन गोपाल 
  3. राहुल सांकृत्यायन 
  4. शिवसागर मिश्र 
प्रश्न 25 -'व्योमकेश दरवेश' किस विधा की रचना है ?
  1. जीवनी 
  2. उपन्यास 
  3. कहानी 
  4. संस्मरण 
प्रश्न 26 -निम्नलिखित को सुमेलित कीजिये 

                                  जीवनी                                          जीवनीकार 
  1. समय साम्यवादी                                                     बिंदु अग्रवाल 
  2. चिंतामणि आचार्य रामचंद्र शुक्ल                               ज्ञानचंद्र जैन 
  3. वटवृक्ष की छाया में                                                विष्णुचंद्र शर्मा 
  4. शेष कथा                                                               राजकमल बोरा 
  5.                                                                               कुमुद नागर 
कोड 
                          1          2              3        4

A                      3           4               5        2

B                       3           5               2       1

C                      2           4               5        3

D                      1          2                3        4

प्रश्न 27 -इसमें से किस रचना को साहित्य अकादमी पुरष्कार प्राप्त नहीं है ?
  1. बौद्ध धर्म दर्शन 
  2. राग दरबारी 
  3. आत्मजयी 
  4. दुष्चक्र में सृष्टा 
प्रश्न 28 -'वटवृक्ष की छाया में' किस लेखक की स्मृति को सुरक्षित रखने के लिए लिखी गई है ?
  1. कमलेश्वर 
  2. अमृतलाल नागर 
  3. अमृतराय 
  4. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
प्रश्न 29 -निम्नलिखित में आत्मकथाएँ कौन -कौन सी है ?
  1. तिरस्कृत 
  2. अपनी धरती अपने लोग 
  3. बसंत से पतझर तक 
  4. सहचर है समय 
  • 2 ,3 ,4
  • 1, 2, 4
  • 1, 3, 4
  • 1, 2 ,3
प्रश्न 30 -'आवारा मसीहा' किसके जीवन पर आधारित है ?
  1. शरतचंद्र 
  2. बंकिमचंद्र 
  3. रवीन्द्रनाथ टेगौर 
  4. विभूतिभूषण बंदोपाध्याय 
प्रश्न 31 -निम्नलिखित   में से कौन -सी रचनाएँ दलित आत्मकथा है ?
  1. अपने अपने पिंजरे 
  2. मुड़ मुड़ कर देखता हूँ 
  3. मेरी पत्नी और भेड़िया 
  4. गर्दिश के दिन 
  • 2 ,3 ,
  • 1, 3
  • 1, 3, 4
  • 1, 2 ,3
प्रश्न 32 -प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित जीवनीपरक ग्रंथो का सही अनुक्रम है 
  1. व्योमकेश दरवेश ,कलम का मजदुर ,कलम का सिपाही ,आवारा मसीहा 
  2. आवारा मसीहा ,व्योमकेश दरवेश ,कलम का मजदूर ,कलम का सिपाही 
  3. कलम का मजदुर ,आवारा मसीहा ,व्योमकेश दरवेश ,कलम का सिपाही 
  4. कलम का सिपाही ,कलम का मजदुर ,आवारा मसीहा ,व्योमकेश दरवेश 
प्रश्न 33 -वियोगी हरि की आत्मकथा है ?
  1. परिव्राजक की कथा 
  2. मेरा जीवन प्रवाह 
  3. मेरी जीवन यात्रा 
  4. प्रवासी की आत्मकथा 
प्रश्न 34 -'रस सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र'  कृति किस रचनाकार की है ?
  1. नूतन सिन्हा 
  2. निर्मला जैन 
  3. रोहिणी अग्रवाल 
  4. इलिना सेन 
प्रश्न 35 -'नारी देह के विमर्श' कृति किस रचनाकार की है ?
  1. राजेंद्र यादव 
  2. दुष्यंत कुमार 
  3. सुधीर पचौरी 
  4. जगदीश्वर चतुर्वेदी 

उत्तरमाला 

  1. -4
  2. -3
  3. -2
  4. -3
  5. -1
  6. -3
  7. -1
  8. -3
  9. -4
  10. -2
  11. -3
  12. -2
  13. -3
  14. -3
  15. -3
  16. -2
  17. -4
  18. -4
  19. -2
  20. -3 
  21. -4
  22. -1
  23. -1
  24. -2
  25. -4
  26. -1 
  27. -3
  28. -2
  29. -2
  30. -1
  31. -2
  32. -4
  33. -2
  34. -2
  35. -3

हिंदी साहित्य में किन्नर विमर्श -एक पूर्वपीठिका  साहित्य किसी भी स्थिति की तहों में जाकर समाज का सरोकार उन विमर्शो और मुद्दों से करता है जिस...