शासन की बंदूक -नागार्जुन
खड़ी हो गई चाँपकर कंकालों की हूक
नभ में विपुल विराट -सी शासन की बंदूक
उस हिटलरी गुमान पर सभी रहे है थूक
जिसमें कानी हो गई शासन की बंदूक
बढ़ी अधीरता दस गुनी ,बने विनोबा मूक
धन्य -धन्य वह ,धन्य वह शाशन की बंदूक
सत्य स्वयं घायल हुआ ,गई अहिंसा चूक
जहाँ -तहाँ दागने लगी शासन की बंदूक
जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कुक
बाल न बाँका कर सकी शासन की बन्दूक
जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कूक
बल न बाका कर सकी शासन की बंदूक।
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